FAQs About PCOS: आजकल महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम काफी आम हो गया है। यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें महिलाओं की Ovaries में एंड्रोजन प्रोड्यूस होने लग जाते हैं जो कि मेल हार्मोन होते हैं जिससे आपका रिप्रोडक्टिव सिस्टम का बैलेंस पूरी तरह बिगड़ जाता है। इससे आपके पीरियड्स रेगुलर होने लग जाते हैं या फिर मिस होने लग जाते हैं। आपकी ओवरसीज में स्मॉल फॉलिकल सिस्ट भी दिखाई देने लगते हैं तो चलिए इसके बारे में कुछ जरूरी बातें जानते हैं
जानिए PCOS से जुड़े सवालों के जवाब
PCOS आपकी हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है?
PCOS का आपकी सेहत पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे आपकी फर्टिलिटी इफेक्ट हो सकती है। आपके वजन पर इसका प्रभाव बढ़ सकता है यानी आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ सकता है जिससे आपको डायबिटीज की समस्या हो सकती है। हार्ट हेल्थ पर असर पड़ सकता है, डिप्रेशन हो सकता है, आपकी नींद भी इफेक्ट हो जाती है जैसे महिलाओं को स्लीप apneia हो जाता है।
PCOS के क्या कारण हो सकते हैं?
इसके कारणों की बात की जाए तो फैमिली हिस्ट्री में अगर किसी को PCOS है तो उसका असर अगली जनरेशन में दिखाई दे सकता है। मेल हार्मोस महिलाओं में बहुत कम मात्रा में प्रोड्यूस होते हैं लेकिन इन्सुलिन रजिस्टेंस के कारण महिलाओं में एंड्रोजन का लेवल बढ़ जाता है।
क्या PCOS से प्रेगनेंसी पर भी असर पड़ता है
जी हां, PCOS के कारण प्रेगनेंसी में बहुत सारे खतरे पैदा हो सकते हैं जैसे मिसकैरेज हो सकता है क्योंकि ऐसी महिलाएं ज्यादा खतरे पर होती हैं। इसके साथ ही जेस्टेशनल डायबिटीज होती है जो सिर्फ प्रेग्नेंट महिलाओं को ही होती है और बच्चे समय से पहले पैदा हो सकते हैं जिससे बच्चे को भी हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही नॉर्मल डिलीवरी की चांसेस काम हो जाते हैं।
PCOS के ट्रीटमेंट के लिए बात कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल हो सकता है
PCOS के ट्रीटमेंट के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स इस्तेमाल की जा सकती हैं। यह कंबाइंड हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स (Combination birth control pills) होती है इसका मतलब है कि इसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन दोनों ही होते हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स से मेल हारमोंस जिसे हम एंड्रोजन कहते हैं, कम प्रोड्यूस होते हैं। इसके साथ ही ओवुलेशन रेगुलेट हो सकती है और अनवांटेड प्रेगनेंसी से बचा जा सकता है। इससे आपके PCOS के लक्षणों में कुछ सुधार आ सकता है।
PCOS का मैनेज कैसे किया जा सकता है?
इसके लिए आपको अपने डॉक्टर या हेल्थकेयर प्रोवाइडर से रेगुलर मिलना चाहिए। इसके साथ ही आपको अपने लाइफस्टाइल में बहुत सारे बदलाव करने होंगे जैसे बैलेंस डाइट और फिजिकल एक्टिविट ताकि आपके वजन को मेंटेन किया जा सके। इसके साथ ही आपके डॉक्टर के द्वारा आपको मेडिसिन भी रिकमेंड की जा सकती है। आपको अपनी मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखना उतना ही जरूरी है क्योंकि PCOS के कारण आपको स्ट्रेस या डिप्रेशन हो सकता है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।