Menstrual Cycle: मासिक धर्म और मूड स्विंग्स से रिश्ते पर क्या प्रभाव पड़ता है

अकसर मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे उनके मूड, व्यवहार और भावनाओं पर गहरा असर होता हैं। आइए जानें इसे बेहतर तरह से संभालने के लिए क्या किया जा सकता है।

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Udisha Mandal
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How Does Menstruation And Mood Swings Affect Relationships?

Photograph: (freepik)

How Does Menstruation And Mood Swings Affect Relationships?: अकसर मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे उनके मूड, व्यवहार और भावनाओं पर गहरा असर होता हैं। यह बदलाव न केवल उनकी मानसिक स्थिति बल्कि उनके आसपास के लोगों को भी प्रभावित करते हैं, और इसी कारण उनके जीवनसाथी या पार्टनर के साथ संबंधों पर भी इसका असर पड़ता हैं। कई बार छोटी-छोटी बातें बड़ी बहस में बदल सकती हैं, गलतफहमियां बढ़ सकती हैं, और रिश्ते में ना चाहते हुए भी तनाव आ सकता है। आइए जानें इसे बेहतर तरह से संभालने के लिए क्या किया जा सकता है।

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मासिक धर्म और मूड स्विंग्स से रिश्ते पर इसके क्या प्रभाव पड़ते है

पीरियड्स और मूड स्विंग्स का रिश्तों पर प्रभाव:

1. कम्युनिकेशन में बदलाव आना

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मूड स्विंग्स के कारण महिलाएं कभी बहुत ज्यादा इमोशनल हो जाती हैं, तो कभी चुपचाप और अकेले रहने की इच्छा करती हैं। इससे पार्टनर के साथ बातचीत खराब हो सकता है, जिस कारण गलतफहमियां बढ़ सकती हैं।

2. छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होना

हार्मोनल बदलाव के कारण छोटी बातों पर अचानक गुस्सा आ सकता है। इससे आपके पार्टनर को लग सकता है कि बिना किसी गलती के उन पर गुस्सा किया जा रहा है, जिससे झगड़े होने की संभावना बढ़ जाती है।

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3. इमोशनल डिस्टेंस बढ़ जाना

कई महिलाओं को इस दौरान बहुत ज्यादा इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है, जबकि कुछ को अकेला रहने का मन करता है। अगर पार्टनर इस बदलाव को न समझे, तो रिश्ते में दूरी आने लगती है।

4. फिजिकल इंटीमेसी पर असर

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पीरियड्स के दौरान शरीर में कई बदलाव होते है इस वजह से थकान, पेट दर्द, सिरदर्द, और चिड़चिड़ापन होने लगता है। इसके कारण कई महिलाएं शारीरिक संबंधों या नजदीकियों से बचना चाहती हैं। अगर पार्टनर इस चीज़ को न समझे, तो इससे फ्रस्ट्रेशन या इनसिक्योरिटी बढ़ सकती है।

5. अधिक भावनात्मक होना

इस समय महिलाएं किसी भी चीज़ को बहुत अधिक गहराई से महसूस करने लगती हैं। अगर पार्टनर कुछ गलत बोल दे या फिर मजाक भी कर दे, तो उस बात को वह गंभीरता से ले लेती है, जिससे भावनात्मक टकराव हो सकता है।

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इसे मैनेज करने के क्या है समाधान: 

1. पार्टनर को इसके बारे में बताएं

अपने पार्टनर को इस बदलाव के कारण बताए। अगर आपके पार्टनर को पता होगा कि मूड स्विंग्स का कारण हार्मोनल बदलाव हैं, तो वह इसे पर्सनली नहीं लेंगे और वह आगे से आपके साथ ज्यादा धैर्य से पेश आएंगे।

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2. पार्टनर से खुलकर बात करें

अगर आपको ज्यादा इमोशनल या चिड़चिड़ा महसूस हो रहा है, तो अपने पार्टनर को इसके बारे में बताएं उनसे खुलकर बात करें। उन्हें बता दें कि यह हार्मोनल बदलाव के कारण हो रहा है, न कि किसी गहरी समस्या के कारण।

3. स्पेस और सपोर्ट दें

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इस दौरान कभी-कभी अकेला रहने देना और कभी इमोशनल सपोर्ट देना, यह बैलेंस बनाना बहुत ज़रूरी होता है। पार्टनर को यह समझना चाहिए कि कब क्या करना सही रहेगा।

4. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं

पीरियड्स के समय हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है। क्योंकि व्यायाम, हेल्दी डाइट, हाइड्रेशन और अच्छी नींद मूड स्विंग्स को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, जिससे आपके रिश्ते पर इसका अच्छा प्रभाव होगा।

5. धैर्य और समझदारी लाएं

इस दौरान सबसे ज़रूरी बात यह है कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे को समझें और एक-दूसरे के प्रति धैर्य बनाकर रखें। अगर इस समय कोई बहस हो भी जाए, तो बाद में उस पर खुलकर बात करें और सुलझाने की कोशिश जरूर करें।

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