Thyroid Issues: थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर में एक छोटी सी तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जो गले में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन कार्यों में से एक है मासिक धर्म (पीरियड्स) का चक्र।
आइए जानें कि थायराइड की समस्याएं मासिक धर्म को कैसे प्रभावित कर सकती हैं
1. अनियमित पीरियड्स
थायरॉयड की समस्याओं का सबसे आम लक्षण है मासिक धर्म चक्र का अनियमित होना। हाइपोथायरायडिज्म (कम थायरॉयड हार्मोन) और हाइपरथायरायडिज्म (ज्यादा थायरॉयड हार्मोन) दोनों ही अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं। पीरियड्स देरी से आना, जल्दी आ जाना, या फिर एकदम से बंद हो जाना - ये सब संकेत हो सकते हैं कि थायरॉयड ग्रंथि सही से काम नहीं कर रही है।
2. पीरियड्स का ज्यादा समय तक चलना या ज्यादा रक्तस्राव
हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉयड हार्मोन का कम उत्पादन होता है, जिससे शरीर की कई प्रक्रियाएं धीमी हो जाती हैं। इससे पीरियड्स का ज्यादा समय तक चलना या फिर ज्यादा मात्रा में रक्तस्राव होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. हल्के पीरियड्स या पीरियड्स का बंद होना
हाइपरथायरायडिज्म में थायरॉयड हार्मोन का जरूरत से ज्यादा उत्पादन होता है। इससे पीरियड्स हल्के हो सकते हैं या फिर कभी-कभी हो ही नहीं सकते (अमेनोरेआ)। दरअसल, हाइपरथायरायडिज्म शरीर में प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन के स्तर को भी बढ़ा देता है, जो ओवुलेशन (अंडाणु का निकलना) की प्रक्रिया में बाधा डालता है।
4. गर्भवती होने में परेशानी
अनियमित पीरियड्स और ओवुलेशन में गड़बड़ी के कारण थायरॉयड की समस्या से जूझ रही महिलाओं को गर्भवती होने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, गर्भधारण के दौरान अनियंत्रित थायरॉयड हार्मोन का स्तर मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।
5. प्री-मेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षणों का बढ़ जाना
थायरॉयड की समस्याएं पीएमएस के लक्षणों को भी बढ़ा सकती हैं। इसमें मिजाज बदलना, चिड़चिड़ापन, थकान, और शरीर में दर्द जैसे लक्षण शामिल हैं।
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