Period vs Mental Health: पीरियड साइकिल में मानसिक स्वास्थ्य का कैसे रखें ध्यान?
आपका शारीरिक, मानसिक और रिप्रोडक्टिव (जनन) स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए इन तीनों चीजों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। एक महिला की पीरियड साइकिल में पूरे महीने के अंदर बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं। हार्मोनल बदलाव होने के कारण महिलाएं ना सिर्फ शारीरिक तौर पर प्रभावित होती है बल्कि इसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। आइए जानते हैं कि अपनी पीरियड साइकिल के एक महीने में आप किस प्रकार अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल कर सकती हैं।
1. अपनी पीरियड साइकिल की जानकारी रखें
अपनी पीरियड साइकिल की बेहतर जानकारी रखने से आपको अपना मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने में मदद मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आपको पहले से पता होगा कि कब आप अपने स्वभाव में बदलाव देख सकते हैं तो उसके प्रति आप पहले से ही सजग रहेंगे। यह आपको पीएमएस सिस्टम्स को बेहतर समझने में मदद करेगा।
2. शारीरिक गतिविधियां करना
शारीरिक गतिविधियां आपको रोजाना करनी चाहिए। इसके लिए आपको योग, रेगुलर एक्सरसाइज, ब्रिस्क वाकिंग को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं। यह आपकी पीएमएस सिम्टम्स को कम करने में मदद करता है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
3. साउंड स्लीप है जरूरी
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना साउंड स्लीप लें। अगर आपकी नींद पूरी और अच्छी नहीं होगी तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है| इस कारण दिमाग में नेगेटिव ख्याल आते हैं और पीएमएस सिम्टम्स ज्यादा खराब हो जाते हैं।
4. मेडिटेशन है बहुत लाभकारी
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मेडिटेशन एक अच्छा जरिया है। मेडिटेशन करने से आप खुद को, अपने रिश्तो को और अपने आसपास के माहौल को बेहतर समझने लगते हैं। मेडिटेशन आपका तनाव कम करता है और अपनी भावनाओं को बेहतर समझने में मदद करता है।
5. पोषक आहार का सेवन
मानसिक स्वास्थ्य बहुत हद तक हमारे शरीर में हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करता है। इसलिए इन हार्मोंस को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें और ऐसे फूड्स को अपनी डाइट से निकाल दे जिनका आपके इमोशंस और एनर्जी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जैसे कि अल्कोहल, जंक फूड, प्रोसैस्ड फूड, ज्यादा नमक आदि।