जानें महिलाओं में Osteoporosis के लक्षण, कारण और बचाव

उम्र के साथ हड्डियाँ कमजोर होने लगती है, कई बार समान्य सी चोट से भी हड्डी टूट जाती है। तब ये ऑस्टियोप्रोसिस नामक बीमारी का संकेत हो सकती है। ये आमतौर में महिलाओं में होने वाली आम समस्या है जो मेनोपॉज के बाद होती है। आइए जानते है इसके लक्षण  कारण और बचाव

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Simran Kumari
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OSSTEOPOROSIS

Photograph: (pinterest)

Know about the symptoms, causes and prevention from osteoporosis: ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियाँ घिसने के कारण पतली हो जाती है और कमजोर होने लगती है, जिससे उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है। इससे हड्डियां खोखली हो जाती है। ये स्थिति पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। ज्यादातर महिलाओं में ये बीमारी मेनोपॉज के बाद होती है जब एस्ट्रोजन की कमी होने लगती है। इसके अलावा भी कई कारण है जिसके कारण ये हो सकता हैI वृद्ध पुरुषों को भी ये समस्या होती है हालांकि महिलाओं में ये 4 गुना ज्यादा होता है। ये एक छुपी हुई बीमारी है और ज्यादातर मामलों में बिना फ्रैक्चर हुए इसका पता नहीं चल पाता ऐसे में आइए जानते है इसके कारण, लक्षण और आप इससे बचाव कैसे कर सकती है।

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ओस्टियोपोरोसिस के कारण 

1. हार्मोनल चेंजेस

महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल चेंज होते है। मेनोपॉज के बाद जब महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है हड्डियों की ताकत को प्रभावित करती है और ओस्टियोपोरोसिस की स्थिति बनती है।

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2. पोषण की कम

अगर आपके डाइट में कैल्शियम और विटामिन D भरपूर मात्रा में शामिल नहीं है तो इस कारण आपकों सही पोषण नहीं मिल पाता है। तब इसकी कमी हड्डियों को कमजोर बना देती है।

3. लाइफस्टाइल 

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खराब लाइफ़स्टाइल कई बीमारियों का घर है, स्मोक करना, अत्यधिक शराब पीना, कम शारीरिक गतिविधि करना , और अत्यधिक कैफीन का सेवन करना आपमें ऑस्ट्रियोप्रोसिस का कारण बन सकता है।  

4. परिवार में इतिहास या कम वजन

अगर परिवार में किसी को ऑस्टियोपोरोसिस रहा हो, तो इसका खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा जिन महिलाओं का वजन कम होता है, उनमें हड्डियाँ पतली और कमजोर होने की संभावना ज्यादा होती है।

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5. कुछ दवाइयाँ

कभी कभी स्टेरॉयड और अन्य कुछ दवाइयों का लंबे समय तक उपयोग करना भी आपकी हड्डियों को नुकसान पहुँचा सकती है और आपको ओस्टियोपोरोसिस हो सकता है।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण 

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ऑस्टियोपोरोसिस को "साइलेंट डिजीज" भी कहा जाता है क्योंकि इसके शुरूआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं और आमतौर पर तब तक पता नहीं चलता।  जब तक फ्रैक्चर न हो जाए। लेकिन आप अपने शरीर में कुछ बदलाव देख कर इसका पता लगा सकते है। जैसे अचानक से शरीर की लंबाई में कमी, शरीर का आगे की तरफ झुक जाना,  साधारण गिरने या हलके झटके से हड्डी का टूट जाना, विशेष रूप से कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डियों में और हड्डियों का धीरे-धीरे कमजोर होते जाना, जिसकी पहचान बोन डेंसिटी टेस्ट से की जा सकती है।

ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव

1. संतुलित आहार ले

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कैल्शियम और विटामिन डी को अपने डाइट में शामिल करे। कैल्शियम के लिए दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ आदि खाएं और विटामिन D सूरज की रोशनी और सप्लीमेंट्स से मिल सकता है।

2. रोज एक्सरसाइज करे

एक्सरसाइज से आपकी हड्डियां मजबूत होती है। ऐसे में रोज एक्सरसाइज करने से आप स्वस्थ भी रहेंगे और ओस्टियोपोरोसिस से बचे भी रहेंगे । वॉकिंग, योग, स्ट्रेचिंग जैसे एक्सरसाइज हड्डियों को मजबूत बनाए रखते हैं।

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3. नशे से दूर रहे

कोई भी प्रकार का नशा आपके लिए बुरा होता है, ये आपमें ओस्टियोपोरोसिस के खतरे को बढ़ता है। इसलिए शराब, ध्रुमपान और ज्यादा कैफ़ीन लेने से बचे।

4. बोन डेंसिटी टेस्ट

बोन डेंसिटी टेस्ट से आप ओस्टियोपोरोसिस का पता लगा सकते है।  50 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को समय-समय पर हड्डियों की जाँच करवानी चाहिए। इसके अलावा अगर आपके परिवार में ये बीमारी किसी को रही है तो अवश्य इसकी जांच करवाए।

5. दवा और सप्लीमेंट्स 

डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम, विटामिन D या अन्य आवश्यक दवा और सप्लीमेंट ले सकते है। ये आपके हड्डियों का घनत्व सही करेगा जिससे आप ऑस्ट्रॉपरोसिस से बचे रहेंगे।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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