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आज दस में से एक महिला को PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है, पर इसकी शुरुआत बहुत बार टीनएज से ही हो जाती है। यह टीनएज लड़कियों में तेजी से उभरता एक हार्मोनल डिसऑर्डर है। ये एक आम समस्या तो है ही लेकिन ये सेक्सुअल हेल्थ (sexual health) में गड़बड़ी से लेकर फर्टिलिटी और शरीर में विभिन्न समस्याओं को आमंत्रित करती है। ऐसे समय पर इसके लक्षणों को पहचानना और सही कदम उठाना बेहद ज़रूरी है, ताकि आगे चलकर बड़ी समस्याओं से बचा जा सके। आइए जानते है कैसे टीनएज गर्ल्स इसके लक्षणों को पहचान कर इसके लिए असरदार उपाय कर सकती है।
PCOS के 5 आम लक्षण और इससे निपटने के कुछ ज़रूरी उपाय
1. अनियमित पीरियड्स
अगर पीरियड्स (periods) अक्सर देर से आते हैं, कुछ महीनों तक आते ही नहीं या बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग होती है, तो यह PCOS का संकेत हो सकता है।
2.हेयर ग्रोथ बढ़ना
PCOS में असामान्य जगह पर भी बाल आने लगते है जो कई बार शर्मिंदगी का कारण बनते है। जैसे चेहरे, छाती, पेट या पीठ पर सामान्य से ज्यादा बाल उगना PCOS का संकेत हो सकते है। इसका कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन है को पीसीओएस एक लिए जिम्मेदार है।
3. ज्यादा पिंपल और ऑयली स्किन
अगर चेहरे पर लगातार मुंहासे हो रहे हैं और स्किन हमेशा ऑइली रहती है, तो यह हार्मोनल असंतुलन की निशानी है और ये PCOS के लिए जिम्मेदार है।
4. वजन बढ़ना और घटाने में दिक्कत
PCOS में मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है जिससे इंसुलिन के कारण ब्लड में शुगर बढ़ जात है और फैट को पचाने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में लड़कियों का वजन तेजी से बढ़ता है और घटाना (weight loss) मुश्किल हो जाता है, साथ ही किसी भी एक्सरसाइज का कोई असर नहीं पड़ता है।
5. बाल झड़ना या पतला होना
PCOS के कारण सिर के बाल तेजी से झड़ने लगते है साथ ही पतले हो जाते है। इसमें सिर के आगे या बीच में बाल ज्यादा तेजी से प्रभावित होते है और झड़ते है।
क्या करना बेहतर
अगर आपको उपर बताए गए कोई भी लक्षण शरीर में बार बार दिखे तो इससे इससे घबराए नहीं। सबसे पहले किसी अच्छी गाइनकोलॉजिस्ट से जरूरी सलाह ले। आप अभी टीनएज में है और अपने लाइफस्टाइल में थोड़े से बदलाव लाकर इससे लड़ सकती है। इसके लिए सबसे पहले हेल्दी डायट अपनाएं, प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा चीनी से दूरी बनाएं, फाइबर और प्रोटीन बढ़ाएं, रेगुलर एक्सरसाइज करें, इसमें वॉक, योगा या हल्की कार्डियो एक्सरसाइज़ पीरियड रेगुलर करने में मदद करती हैं। इसके अलावा तनाव कम करें स्ट्रेस मैनेजमेंट भी हार्मोन बैलेंस के लिए ज़रूरी है ध्यान, मेडिटेशन और नींद का ध्यान रखें,समय से सोए।