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Photograph: (Freepik)
आज के समय में PCOD (Polycystic Ovarian Disorder) एक बहुत आम समस्या बन चुकी है, जो लाखों महिलाओं की ज़िंदगी को किसी न किसी रूप में प्रभावित कर रही है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि ज़्यादातर महिलाएं इसे “सिर्फ़ पीरियड की दिक्कत” समझकर नज़रअंदाज़ कर देती हैं। जबकि सच्चाई ये है कि PCOD धीरे-धीरे आपकी रोज़मर्रा की दिनचर्या, मूड, एनर्जी और इमोशनल हेल्थ सब पर असर डाल सकता है।
जानिए कैसे PCOD आपके रोज़मर्रा की ज़िंदगी को प्रभावित करता है
1. हर महीने की irregularity
irregulare पीरियड्स, PCOD का सबसे आम लक्षण है। कई बार पीरियड्स महीनों तक नहीं आते या बहुत दर्द और भारी ब्लीडिंग के साथ आते हैं। इससे शरीर की नेचुरल साइकिल बिगड़ जाती है, और महिला को हमेशा असहजता या थकावट महसूस हो सकती है। यह लगातार चिंता और मूड स्विंग्स का कारण भी बन सकता है।
2. वज़न बढ़ना और थकान
PCOD में शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे खासकर पेट के आस-पास वज़न बढ़ने लगता है । कुछ महिलाएं डाइट और एक्सरसाइज़ करने के बाद भी फ़र्क महसूस नहीं कर पातीं। इसके साथ ही लगातार थकान, एनर्जी की कमी और सुस्ती महसूस होना आम है। ये सब आपकी डेली रूटीन को मुश्किल बना देता है, चाहे ऑफिस जाना हो या घर का काम।
3. स्किन और हेयर से जुड़ी परेशानियाँ
PCOD हार्मोनल असंतुलन लाता है, जिसका असर चेहरे और शरीर दोनों पर दिखता है। चेहरे पर पिंपल्स, ऑयली स्किन, बालों का झड़ना या अनचाहे बालों का उगना। ये अनचाहे बदलाव आपके कॉन्फ़िडेंस को कम कर सकते हैं। कई महिलाएं इसे “सिर्फ़ सौंदर्य की समस्या” मानती हैं, जबकि ये असल में हार्मोनल असंतुलन का संकेत होता है।
4. मूड स्विंग्स और इमोशनल हेल्थ
हार्मोन्स का imbalance केवल शरीर को नहीं, मन को भी प्रभावित करता है। PCOD से जूझ रही महिलाओं को अक्सर एंग्ज़ायटी, मूड स्विंग्स या डिप्रेशन जैसी भावनाएं महसूस होती हैं। इसका असर काम पर ध्यान, रिश्तों और आत्मविश्वास पर भी पड़ता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना उतना ही ज़रूरी है जितना शारीरिक।
5. छोटे बदलाव, बड़ा असर
PCOD को मैनेज करने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करें। जैसे संतुलित डाइट, रोज़ाना थोड़ा Exercise, नींद का ध्यान और स्ट्रेस को कम करना। साथ ही डॉक्टर से नियमित जांच कराते रहना और अपने शरीर के संकेतों को समझना बेहद अहम है।
PCOD सिर्फ़ एक मेडिकल कंडीशन नहीं, बल्कि एक पूरी बॉडी और माइंड जर्नी है। इसे नज़रअंदाज़ करने के बजाय समझना और अपनाना ही इसके साथ हेल्दी तरीके से जीने की पहली सीढ़ी है।
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