No One Can Decide When You Are Ready To Have Sex: हमारे समाज में सेक्स को लेकर बात नहीं की जाती है लेकिन लोगों को इसके लिए जज किया जाता है। जो लोग 18 साल से ऊपर हो जाते हैं लेकिन अभी तक उन्होंने सेक्स की नहीं किया है तो लोग उनके बारे में तरह-तरह की बातें बनाते हैं। इसके लिए बहुत सारी यंग लड़कियों को टारगेट भी किया जाता है। एक तरफ जहां पर लड़कियों को उनकी सेक्सुअल नीड्स को लेकर जज किया जाता है और उनके चरित्र पर सवाल उठाए जाते हैं वहीं ऐसा भी होता है की सेक्स की उम्र को लेकर भी उनका मजाक बनाया जाता है। लोग यह भी डिसाइड करते हैं कि किसी व्यक्ति को किस उम्र में सेक्स करना चाहिए जबकि उनका इससे कोई भी लेना-देना नहीं है।
आपको कब सेक्स करना यह कोई नहीं तय कर सकता
क्या सेक्स लाइफ शुरुआत करने की कोई उम्र होती है?
आज के यंग बच्चों और टीनएजर्स की तरफ से यह सवाल जरूर पूछा जाता है कि क्या तुमने सेक्स किया है? यह एक बहुत ही व्यक्तिगत सवाल है और हमें इसके बारे में किसी को नहीं पूछना चाहिए। लोगों में यह धारणा है की सेक्स आपकी पर्सनेलिटी के बारे में बहुत कुछ बताता है लेकिन इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है। यह जानने का किसी को अधिकार नहीं है कि आपकी सेक्स लाइफ कैसी है या फिर आपने किस उम्र में सेक्स किया है या आपको कब सेक्स करना चाहिए। इसके साथ ही उन लोगों को भी यह सोचना चाहिए कि अगर आप किसी को उनकी सेक्स लाइफ को लेकर जज कर रहे हैं तो आप कोई बढ़िया काम नहीं कर रहे हैं। सेक्स करने से आप कूल नहीं बन जाते और ना ही सेक्स न करने से आप पुरानी सोच रखने वाले हो जाते हैं।
सेक्स एक पर्सनल चॉइस है
अभी भी बहुत सारे लोगों को यह बेसिक चीज ही नहीं पता है की सेक्स एक पर्सनल चॉइस है। इसमें किसी का कोई लेना-देना नहीं है। कोई व्यक्ति किस उम्र में किसके साथ और कब सेक्स कर रहा है तो इससे उसकी पर्सनालिटी या वर्थ का फैसला नहीं होता है और ना ही इसके बारे में आपको जानने की जरूरत है। अगर कोई व्यक्ति किसी के साथ सेक्स नहीं करना चाहता है तो यह भी एक नॉर्मल चीज है। सेक्स के लिए सबसे इंपॉर्टेंट दो लोगों के बीच में कंसेंट है। अगर वह लोग एक दूसरे की सहमति के साथ, कंफर्टेबल तरीके से एक सुरक्षित जगह पर सेक्स कर रहे हैं और दोनों बालग हैं तो इसमें किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और ना ही इसके लिए उन्हें जज किया जाना चाहिए। अगली बार अगर आप भी किसी के बारे में ऐसा सोचते हैं तो एक बार अपनी सोच का नजरिया बदलने की कोशिश करें क्योंकि ऐसे आप सामने वाले को इनसिक्योर कर रहे हैं और उनकी मेंटल हेल्थ को खराब करने में योगदान दे रहे हैं।