Why Our Society Does Not Respect Sex Workers: भारतीय समाज में सेक्स आज भी एक टैबू टॉपिक है जिसके बारे में कोई भी बात नहीं करना चाहता है। अगर कोई भी व्यक्ति इसके बारे में बात करता है तो उसके चरित्र पर उंगलियां उठाई जाती हैं या फिर उसे शर्मिंदगी महसूस करवाई जाती है। ऐसा नहीं है कि यहां पर लोग सेक्स नहीं करते हैं लेकिन उसके बारे में बात नहीं करते हैं। जब महिलाओं की बात आती है तो हमेशा उनकी शारीरिक जरूरतों को नजरअंदाज ही किया जाता है और जो महिलाएं इनको लेकर ओपन होती हैं, उन्हें गलत नजर से देखा जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम सेक्स के बारे में नहीं बल्कि सेक्स वर्कर्स के ऊपर बात करेंगे और समाज के दोगलेपन को उजागर करेंगे-
सेक्स तो सब एंजॉय करते हैं लेकिन Sex Worker के लिए अलग नजरिया क्यों?
सेक्स वर्कर्स की बात की जाए तो वो ऐसी महिलाएं होती हैं जो सेक्स के बदले में पैसे लेती हैं। अब बहुत सारे लोग समाज में उनकी इज्जत नहीं करते हैं। उनके बारे में गलत बातें बनाते हैं। उनके बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है। उनके काम को पहचान नहीं दी जाती है। उनके बारे में गलत और अपशब्द बोले जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि ऐसी भी क्या मजबूरी आ गई कि इन्हें ऐसा काम करना पड़ा। अब यहां पर हम लोग समाज के उन पुरुषों के बारे में कुछ नहीं कहते जो सेक्स वर्कर्स के पास जाते हैं लेकिन उन महिलाओं का चरित्र गलत हो जाता है जो सेक्स के बदले में पैसे लेती हैं।
जिन हालातों में इन महिलाओं को इस काम में धकेला जाता है, ऐसे में उनके पास कोई और चॉइस नहीं होती है। अगर कोई महिला चॉइस से भी यही काम कर रही है तब भी समाज में किसी को हक नहीं है कि वह उनके बारे में गलत बातें बनाएं। यह भी बाकी प्रोफेशन की तरह ही एक काम है। ऐसा तो नहीं है की सेक्स वर्कर्स ही सेक्स करती हैं और बाकी लोग नहीं करते हैं। हम सवाल सिर्फ उन महिलाओं पर ही क्यों उठाते हैं? उनके बच्चों को क्यों यह महसूस करवाया जाता है कि उनकी मदर गंदा काम करती है। अगर सेक्स करना गंदा काम है तो फिर वह सभी के लिए ही होना चाहिए
अगर आप भी यही सोच रखते हैं की सेक्स वर्कर्स की जिंदगी बहुत आसान होती है जैसा फिल्मों में दिखाया जाता है तो आप सच्चाई से बहुत दूर है। उनकी जिंदगी बहुत ही संघर्ष भरी होती है। एक तो समाज के तरफ से उन्हें स्वीकार नहीं किया जाता है l इसके साथ ही इन्हें गंदे हालातो में छोटे-छोटे कमरों में उन्हें रहना पड़ता है जहां पर हाइजीन बहुत कम होती है। इसके साथ ही सेफ सेक्स भी नहीं होता है जिसके कारण एचआईवी एड्स या फिर एसटीडी होने का खतरा भी रहता है तो ऐसे में हम लोग उनकी समस्याओं को और भी बढ़ा देते हैं।