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Photograph: (Freepik)
On World Health Day 2025 Know 7 Serious Diseases Of Women: हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाने वाला World Health Day हमें स्वास्थ्य के महत्व की याद दिलाता है। यह दिन विशेष रूप से स्वास्थ्य समस्याओं पर केंद्रित होता है, इसलिए आइये जानते हैं महिलाओं में होने वाली कुछ बीमारियों के बारे में क्योंकि महिलाएं अपने परिवार और समाज की रीढ़ होती हैं। फिर भी, कई बार वे अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देती हैं। आज हम जानेंगे उन 7 गम्भीर बीमारियों के बारे में, जो महिलाओं में आम होती जा रही हैं और जिन पर समय रहते ध्यान देना बेहद जरूरी है।
World Health Day 2025 पर जानिए महिलाओं में होने वाली 7 गम्भीर बीमारियों के बारे में
1. ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे सामान्य कैंसर में से एक बन चुका है। इसकी शुरुआती अवस्था में कोई लक्षण न दिखने के कारण अक्सर इसका पता देर से चल पाता है। 40 वर्ष की उम्र के बाद नियमित मैमोग्राफी और स्व-परीक्षण बेहद जरूरी हैं। लाइफस्टाइल, हार्मोनल परिवर्तन और जेनेटिक कारण इसके प्रमुख कारक हैं। अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है।
2. सर्वाइकल कैंसर
यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में होता है और मुख्यतः HPV वायरस के संक्रमण से होता है। यह भारत की महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। नियमित पैप स्मीयर टेस्ट और HPV वैक्सीन से इस बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है। समय पर पता चलने से इसका इलाज प्रभावी होता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
3. हृदय रोग
अक्सर माना जाता है कि हृदय रोग पुरुषों की समस्या है, लेकिन यह गलत धारणा है। बदलती लाइफस्टाइल, तनाव, धूम्रपान और मोटापा महिलाओं में भी हृदय रोग का खतरा बढ़ा रहे हैं। सीने में दर्द, थकान, सांस फूलना जैसे लक्षणों को अनदेखा करना घातक हो सकता है। महिलाओं को भी नियमित हृदय जांच करानी चाहिए।
4. डिप्रेशन और एंग्जायटी
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, सामाजिक दबाव और जिम्मेदारियों के चलते डिप्रेशन और एंग्जायटी के मामले अधिक होते हैं। कई बार वे अपने भावनात्मक तनाव को शेयर नहीं करतीं, जिससे समस्या बढ़ती जाती है। समय पर काउंसलिंग, मेडिटेशन और मेडिकल सहायता से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर किया जा सकता है।
5. ऑस्टियोपोरोसिस
यह बीमारी हड्डियों को कमजोर बना देती है। 40 की उम्र के बाद विशेषकर मेनोपॉज के बाद महिलाओं में यह आम हो जाती है। कैल्शियम और विटामिन D की कमी, व्यायाम की कमी और लाइफस्टाइल इसके कारण हैं। सही खानपान और नियमित व्यायाम से इसे रोका जा सकता है।
6. डायबिटीज
महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान होने वाली गेस्टेशनल डायबिटीज भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकती है। मोटापा, व्यायाम की कमी और खराब खानपान इस रोग को जन्म देते हैं। समय पर ब्लड शुगर टेस्ट और लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी हैं ताकि यह बीमारी नियंत्रित रह सके।
7. थायरॉइड डिसऑर्डर
थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी से शरीर के अनेक अंग प्रभावित होते हैं। यह समस्या महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक देखी जाती है। वज़न बढ़ना, थकावट, बाल झड़ना, मूड स्विंग्स इसके सामान्य लक्षण हैं। नियमित थायरॉइड टेस्ट और दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
महिलाओं का स्वास्थ्य सिर्फ उनका निजी विषय नहीं है, बल्कि पूरे समाज की नींव है। अगर महिलाएं स्वस्थ रहेंगी, तो पूरा परिवार और राष्ट्र स्वस्थ रहेगा। विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 पर यह संकल्प लें कि हम महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाएंगे और उनके नियमित स्वास्थ्य परीक्षण को प्राथमिकता देंगे। समय पर जाँच, संतुलित लाइफस्टाइल और इमोशनल हेल्प से हर महिला स्वस्थ और सशक्त बन सकती है।