Period Pains: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक और भावनात्मक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।शारीरिक रूप से उन्हें पेट के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन (डिसमेनोरिया), तेज या हल्का रक्तस्राव, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, थकान, कमजोरी, सूजन, मतली, उल्टी या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। भावनात्मक रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण उनका मिजाज़ चिड़चिड़ा, गुस्सीला, उदास, चिंतित या घबराया हुआ हो सकता है।
पीरियड्स मे महिलाओं को इन परेशानियों का सामना करना पड़ता है
1. दर्द (Pain)
पीरियड्स से जुड़ी सबसे आम समस्या है पेट के निचले हिस्से में मरोड़ या ऐंठन होना। इसे मेडिकल भाषा में डिस्मेनोरिया (Dysmenorrhea) कहते हैं। यह दर्द हल्का या बहुत तेज हो सकता है और कुछ महिलाओं को इतना तकलीफ देता है कि उन्हें दैनिक कामकाज करने में भी दिक्कत होती है। प्रोस्टाग्लैंडिंस नामक रसायन शरीर में गर्भाशय की मांसपेशियों को सिकोड़ने का काम करते हैं, जिससे यह दर्द होता है। दर्द के साथ ही कुछ महिलाओं को मितली, उल्टी, या दस्त भी हो सकते हैं।
2. अत्यधिक रक्तस्राव (Heavy Bleeding)
कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा रक्तस्राव होता है, जिसे मेनोरेहैल्जिया (Menorrhagia) कहते हैं। इसकी वजह से हर घंटे पैड या टैम्पोन बदलने की जरूरत पड़ सकती है, इतना अधिक रक्तस्राव थकान और खून की कमी (anemia) का कारण भी बन सकता है।अगर आपको रक्तस्राव इतना अधिक हो कि रात को भी उठकर पैड बदलना पड़े, या रक्त का थक्का जमे हुए खून के टुकड़ों जैसा दिखे, तो डॉक्टर से सलाह लें।
3. अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods)
आदर्श रूप से, पीरियड्स का चक्र 28 से 35 दिनों का होता है, लेकिन हर महिला के शरीर में यह चक्र थोड़ा अलग-अलग भी हो सकता है, पर अगर आपके पीरियड्स समय पर नहीं आते या उनके बीच का अंतराल बहुत कम या ज्यादा हो जाता है, तो यह अनियमित पीरियड्स (Oligomenorrhea or Polymenorrhea) की समस्या हो सकती है. अनियमित पीरियड्स तनाव, अचानक वजन घटने या बढ़ने, हार्मोनल असंतुलन, या पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) जैसी किसी बीमारी का संकेत हो सकते हैं।
4. मिजाज़ बदलना (Mood Swings)
पीरियड्स के आसपास हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण महिलाओं के मिजाज़ में भी अचानक से बदलाव आ सकता है। उन्हें चिड़चिड़ापन, गुस्सा या उदासी महसूस हो सकती है। इस दौरान चिंता, घबराहट या खुद पर भरोसा न होना जैसी भावनाएं भी हो सकती हैं।
5. डिप्रेशन (Depression)
कुछ महिलाओं में पीरियड्स के दौरान प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (Premenstrual dysphoric disorder - PMDD) के कारण हल्के से लेकर गंभीर डिप्रेशन के लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर में डिप्रेशन के साथ-साथ चिड़चिड़ापन, नींद में परेशानी, ध्यान लगाने में कठिनाई, और रोज़मर्रा के कामों में रुचि कम होना जैसे लक्षण भी शामिल हो सकते हैं।
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