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Female Reproductive System: क्या है महिलाओं में बच्चेदानी का बाहर आना? जानिये इसके कारण

बच्चेदानी बाहर आना या प्रोलैप्स (prolapse) एक स्थिति है जिसमें महिलाओं की गर्भाशय (बच्चेदानी) या उसके अंग बाहर निकल आते हैं। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है जो महिलाओं को दर्द का सामना कराती है।

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Kavya Gupta
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effect of poverty on reproductive health

(Image Source: freepik)

 Prolapse Of Uterus In Women: बच्चेदानी बाहर आना या प्रोलैप्स (prolapse) एक स्थिति है जिसमें महिलाओं की गर्भाशय (बच्चेदानी) या उसके अंग बाहर निकल आते हैं। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है जो महिलाओं को दर्द का सामना कराती है। यह समस्या ज्यादातर डिलीवरी के बाद होती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है। इसलिए महिलाओं को हमेशा ज्यादा ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है। उनकी स्वास्थ्य के लिए, उन्हें नियमित चेकअप, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, सही पोषण, स्वस्थ जीवनशैली और स्वास्थ्य संबंधी सभी सलाहों का पालन करना चाहिए। उन्हें अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। 

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Female Reproductive System: क्या है महिलाओं में बच्चेदानी का बाहर आना? जानिये इसके कारण

1. गर्भाशय पर ज़्यादा बोझ पड़ना 

जब महिला के गर्भ में जुड़वा बच्चे या ट्रिप्लेट्स होते हैं, तो गर्भाशय में दबाव बढ़ जाता है, जिसके कारण बच्चेदानी की स्थिति कमजोर हो सकती है। इसका परिणाम हो सकता है कि बच्चेदानी बाहर आ जाए और प्रोलैप्स हो सकता है। गर्भावस्था में बच्चों की संख्या के बढ़ जाने से, डॉक्टर अधिक ध्यान देते हैं और नियमित चेकअप के माध्यम से महिला के स्वास्थ्य को मापते रहते हैं। 

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2. डिलीवरी के तुरंत बाद काम में लग जाना या भारी बोझ उठाना

गर्भाशय डिलीवरी के दौरान बहुत अधिक बोझ और तनाव का सामना करते हैं। इसलिए, डिलीवरी के बाद भारी वस्तुओं को उठाने से बचना चाहिए, ताकि बच्चेदानी को समय दिया जा सके कि वह सही ढंग से अपनी सामान्य आकार और जगह में लौट सके।

3. संक्रमण

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 इन्फेक्शन भी बच्चेदानी के बाहर आने का कारण हो सकता है जैसे

  • जन्म के बाद संक्रमण-  बच्चा पैदा करने के दौरान, बच्चेदानी के अंदर की कई बार गड़बड़ी की वजह से, संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। यह बच्चेदानी को कमजोर कर सकता है और बच्चेदानी के बाहर आने का खतरा बढ़ा सकता है।
  • बच्चेदानी में संक्रमण-  छोटी उम्र से ही किसी वजह से बच्चेदानी के अंदर इन्फेक्शन हो सकता है, जो बच्चेदानी की कमजोरी का कारण बन सकता है। 

4. सिस्टाइटिस

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सिस्टाइटिस या गर्भाशय की इन्फेक्शन के कारण यूटेरस खिसक सकता है। यह समस्या गर्भाशय की बंद नलियों को बढ़ा सकती है, जो गर्भाशय को अपने स्थान से हटा सकती है। यह टेम्पररी हो सकता है या गंभीर समस्या के रूप ले सकता है। सिस्टाइटिस के इन्फेक्शन के कारण, गर्भाशय में सूजन और इंफेक्शन हो सकता है, जो यूटेरस को अपने स्थान से हटा सकता है जिससे गर्भाशय की सामान्य कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।

5. मेनोपॉज

मेनोपॉज़ के बाद, महिलाओं के बच्चेदानी में हार्मोनल परिवर्तन होता है जो उन्हें कमजोर बना सकता है। इसके कारण, बच्चेदानी की कार्यक्षमता कम हो सकती है, जिससे बच्चेदानी का बाहर आने का खतरा बढ़ जाता है। मेनोपॉज़ के बाद, महिलाओं को बच्चेदानी की स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए और समस्याओं का सही समय पर उपचार करवाना चाहिए। 

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6. उम्र बढ़ने के कारण कमजोरी से 

उम्र बढ़ने के साथ, महिलाओं की पेल्विक औरगन्स में कमजोरी हो सकती है जो उन्हें बच्चेदानी के प्रोलैप्स की समस्या से गुजरने का खतरा बढ़ा सकती है। 

7. कोई फिजिकल एक्टिविटी न करने पर

फिजिकल एक्टिविटी न करने से बच्चेदानी कमजोरी हो सकती है, जो इस समस्या का कारण बन सकती है। फिजिकल एक्टिविटी करने से पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ रखा जा सकता है, जो बच्चेदानी को सही स्थान पर रखने में मदद करता है। 

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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