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RelationshipBetweenMenopauseandThyroid: मेनोपॉज और थायराइड दोनों ही महिलाओं में होने वाला एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। यह दोनों समस्या महिलाओं को ज्यादातर 40 के बाद देखने को मिलती है। मेनोपॉज एक प्रकार की प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं का मासिक धर्म 40 के बाद बंद हो जाता है। वहीं अगर बात करें थायराइड की या समस्या किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकती है। मेनोपॉज और थायराइड दोनों एक दूसरे का कारण नहीं होता। तो आईए जानते हैं मेनोपॉज और थायराइड के बीच का संबंध।
थायरॉइड और मेनोपॉज में 5 संबंध
1.हार्मोनल असंतुलन और थायरॉइड की क्षमता
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में कमी देखने को मिलती है। यह हार्मोन महिलाओं के शरीर में बहुत सारे गतिविधियों को नियंत्रित करने का काम करता है। थायराइड को बैलेंस करके रखने का काम भी है हार्मोन करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान महिलाओं में हार्मोन या तो बढ़ जाता है या फिर घट जाता है किसके कारण थायराइड की समस्या देखने को मिलती है।
2. थायरॉइड Disorder का बढ़ता खतरा
मेनोपॉज सामान्य रूप से 45-55 वर्ष की उम्र के बीच होता है। मेनोपॉज के बाद थायरॉइड Disorder का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे थायरॉइड की समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। इसके कारण वजन में वृद्धि और हड्डी पर बुरा असर पड़ता है। थायराइड डिसऑर्डर के और भी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
3. मेटाबॉलिज्म और वजन में बदलाव
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की संख्या में बदलाव देखने को मिलता है जिसकी वजह से शरीर में मेटाबॉलिज्म की कमी हो जाती है, इस कारण से वजन में वृद्धि देखने को मिलती है। हार्मोन असंतुलन होने के कारण शरीर में फैट जमा होने लगता है। अगर थायरॉइड हार्मोन का स्तर असंतुलित हो की वजह से वजन में बदलाव देखने को मिलता है।
4. सामान्य लक्षण
मेनोपॉज और थायरॉइड Disorder में कई लक्षण समान होते हैं, जैसे थकान, वजन में बदलाव, मूड स्विंग्स, और अनियमित पीरियड्स। इसके अलावा, हॉट फ्लैशेस, अनिद्रा, और घबराहट जैसी समस्याएं भी दोनों स्थितियों में देखी जा सकती हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि लोग अक्सर थायराइड डिसऑर्डर को मेनोपॉज समझ बैठे हैं क्योंकि इसके लक्षण एक जैसे होते हैं।
5. हड्डियों और हार्ट का स्वास्थ्य
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट के कारण Bone Density कम हो जाता है, जिससे बहुत सारी बीमारियों का खतरा होता है। थायरॉइड भी हड्डियों की मजबूती पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। एस्ट्रोजन का कम स्तर हार्ट संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकता है जिसमें हृदय की गति अत्यधिक तेज या फिर अनियमित रूप से धड़कन देखने का मिल सकता है।