Risk Of Intaking Abortion Pills: गर्भनिरोधक दवा है जिसे आम तौर पर जन्म नियंत्रण की दावों के रूप में जाना जाता है यह महिलाओं की लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य साधन है। इन दावों से महिलाएं अनचाहे गर्भधारण को रोक सकती हैं। महिलाओं को अपने रिप्रोडक्टिव स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखना में भी या मददगार साबित होता है। हालांकि गर्भनिरोधक दवाई कई लाभ प्रदान करती हैं लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग करने से शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है। तो आइए जानते है गर्भनिरोधक दवाओं के कुछ नुकसान।
गर्भनिरोधक दवाओं के 5 नुकसान
1. Hormonal Imbalance
गर्भनिरोधक दवाई एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरों जैसे हार्मोन केसर में परिवर्तन देखने को मिलता है। यह हार्मोन शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करने में मददगार होता है। अत्यधिक दावों का सेवन करने से पीरियड्स साइकिल प्रभावित होती है। कुछ महिलाओं को महामारी में लंबी देरी या अत्यधिक ब्लड फ्लो का अनुभव होता है। दवा के कारण पीरियड क्रैंप्स और दर्द में वृद्धि देखने को मिलती है।
2. Mood Swing
जब महिलाएं गर्भनिरोधक दवाइयां का सेवन करती है तो महिलाओं में हार्मोन इंबैलेंस देखने को मिलता है। हार्मोन परिवर्तन से मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। कुछ महिलाओं को दबाव के कारण मूड में अचानक परिवर्तन का अनुभव होता है। अनचाहे प्रेगनेंसी के कारण उन्हें चिंता और तनाव अधिक देखने को मिलता है। हार्मोन के बिगड़ते संतुलन के कारण तनाव और चिंता और भी बढ़ जाता है।
3. Weight Gain
कुछ गर्भनिरोधक दावों में मेटाबॉलिज्म अत्यधिक मात्रा में होता है जो महिलाओं के शरीर को प्रभावित करता है। उन दवाइयां का ज्यादा सेवन करने से महिलाओं के वजन में वृद्धि देखने को मिलती है। दवा के सेवन से भूख में वृद्धि हो सकती है जिससे वजन बढ़ाने की संभावना होती है और साथ ही शरीर में पानी का जमाव भी वजन बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
4. Infertility
गर्भनिरोधक दवाइयां का सेवन करने से महिलाओं को कंसीव करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। विद्वानों के अनुसार गर्भनिरोधक का उपयोग जब हम लंबे समय तक करते हैं तो यह गर्भधारण में समस्या को उत्पन्न कर सकती है। दवा बंद करने के बाद कुछ महिलाओं को गर्भधारण करने में अधिक समय लग सकता है जो इनफर्टिलिटी का लक्षण होता है।
5. Migraine
गर्भनिरोधक दवाइयां के कारण हार्मोन में संतुलन देखने को मिलता है जिसके कारण सर दर्द की समस्या बढ़ जाती है। इसे महिलाओं को माइग्रेन की समस्या हो सकती है जो अत्यधिक दर्द देने वाली होती है। सामान्य से दर्द से यह आवृत्ति भी बढ़ सकती है। गर्भधारण को समाप्त करने के निर्णय से तनाव और चिंता उत्पन्न होती है जो माइग्रेन की परेशानी को जन्म देती है।