Sensation In Legs Or Hands: बहुत बार किसी-न-किसी कारणवश हम एक ही पोजिशन में बैठे रहने को बाध्य हो जाते हैं। एक ही पोजिशन में बैठे रहने का अर्थ है उस विशेष अंग को न हिलाना-डुलाना। इससे शुरू होती है हाथ-पैरों में झनझनाहट। हाथ-पैरों में झनझनाहट आम समस्या नहीं है।
एक ही पोजिशन में बैठे रहना, शरीर की सक्रियता में कमी और हाथ-पैर न चलाने से हाथ-पैरों में झनझनाहट शुरू हो जाती है। अक्सर ऐसा महसूस किया जा सकता है कि शरीर के किसी विशेष हिस्से या अंग को न हिलाने पर बाद में कुछ ऐसा महसूस होता है जैसे उस हिस्से में कोई चींटी या कीड़ा चल रहा हो। ऐसा भी लगता है जैसे कोई कांटे चुभो रहा हो। इसे हाथ-पैर का सुन्न होना भी कहा जा सकता है।
क्यों महसूस होती है हाथ-पैरों में झनझनाहट
हाथ-पैरों में झनझनाहट के पीछे के कारण कोई बीमारी भी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो हाथ-पैरों की झनझनाहट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए जानें इसके पीछे के कारण :-
खून का दौरान न होना
एक ही पोजिशन में बैठे रहने से नसों में दवाब बढ़ जाता है। नसों में दवाब के बढ़ने से खून का दौरान कम हो जाता है। जैसे ही पोजिशन चेंज होती है, नसों का दवाब कम हो जाता है। इससे खून का दौरान तेजी से फिर से शुरू हो जाता है और महसूस होती है इसी पल झनझनाहट। इससे बचने के लिए जरूरी है शरीर को सक्रिय रखें, हाथ-पैरों को चलाते रहें।
शारीरिक कमजोरी
कई बार शरीर में कमजोरी के चलते खून की कमी हो जाती है। पौष्टिक खाना न खाना, विटामिन्स और खनिज तत्वों की कमी, आयरन की कमी से भी शरीर में झनझनाहट की समस्या पैदा हो जाती है। शारीरिक कमजोरी में जैसे ही थोड़ी-देर भी कहीं बैठते हैं तो खड़े होते ही हाथ-पैरों में झनझनाहट शुरू हो जाती है। ऐसे में जरूरी है शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने दें।
नशीले पदार्थोंं का सेवन
नशीले पदार्थों के सेवन से शरीर की नसों में कमजोरी पैदा हो जाती है। नसों की कमजोरी नसों में रक्त प्रवाह को प्रभावित करती है जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में जरूरी है शराब और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से बचें। इसकी जगह फलों का जूस और हरी सब्जियों के रस का सेवन करें।
विटामिन बी12 की कमी
विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में विटामिन बी12 की कमी भी हाथ-पैरों में झनझनाहट का एक विशेष कारण है। विटामिन बी12 की कमी शरीर में कमजोरी ला देती है। ऐसा खासतौर से 50 से अधिक उम्र के लोगों में पाया गया है। 50 से अधिक उम्र के लोगों को अपनी शारीरिक जांच कराते रहना चाहिए और विटामिन बी12 से युक्त भोजन का प्रयोग करना चाहिए।
प्रेगनेंसी में होना
कई बार प्रेगनेंट महिलाओं में भी हाथ-पैरों की झनझनाहट के मामले पाए गए हैं। ऐसा इसलिए कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं ज्यादातर शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हो जाती हैं। शरीर में आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी प्रेगनेंट महिलाओं में हाथ-पैरों में झनझनाहट पैदा कर देती है। ऐसे में जरूरी है प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन ए से संपूर्ण आहार खाएं और शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने दें।
इस तरह शरीर को सक्रिय रखने से और पोषक तत्वों की कमी को शरीर में न रहने देने से हाथ-पैरों की झनझनाहट से बचा जा सकता है। विशेष परिस्थिति में या लगातार झनझनाहट बने रहने पर जरूरी है किसी नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।