Stretch Marks on Boobs Are Normal : स्ट्रेच मार्क्स जिसे स्ट्राइ के नाम से भी जाना जाता है यह तब होती हैं जब त्वचा तेजी से खिंचती या सिकुड़ती है।स्ट्रेच मार्क्स स्ट्रिप या धारियाँ जैसा होता हैं जो ज्यादा तर स्किन पे खिंचाव जैसे मार्क हो जाते हैं।यह बहुत नॉर्मल बात हैं। लगभग हर किसी को स्ट्रेच मार्क्स होते हैं। ब्रेस्ट के साथ-साथ शरीर के अन्य हिस्सों पर भी स्ट्रेच मार्क्स होना आम बात है ।जब खिंचाव के निशान पहली बार बनते हैं तो अक्सर गुलाबी, बैंगनी या लाल रंग के होते हैं। वे आम तौर पर समय के साथ हल्के या सफेद रंग में फीके पड़ जाते हैं।स्ट्रेच मार्क्स विभिन्न प्रकार के होते हैं।
आइए जानते है स्ट्रेच मार्क्स होने के प्रकार
1. स्ट्राइ रूब्रे (लाल खिंचाव के निशान)
स्ट्राइ रूब्रे लाल खिंचाव के निशान होते जो नए बनते जाते हैं। आमतौर पर यह लाल या बैंगनी रंग के होते हैं। जो अक्सर उभरे हुए होते हैं जो खुजली या सूजन के साथ हो सकते हैं। लाल खिंचाव के निशान त्वचा में खिंचाव या फटने के वजह से होते हैं।
2.स्ट्राई अल्बे (सफ़ेद या सिल्वर स्ट्रेच मार्क्स)
स्ट्राई अल्बे समय के साथ लाल स्ट्रेच मार्क्स फीके पड़कर सफेद या सिल्वर रंग के हो जाते हैं। इन्हें सफेद खिंचाव के निशान या स्ट्राइ अल्बा कहा जाता है। वे चपटे होते हैं यह झुर्रीदार जैसे दिखते हैं।
3.स्ट्राइ एट्रोफिके (एट्रोफिक स्ट्रेच मार्क्स)
एट्रोफिक स्ट्रेच मार्क्स त्वचा पर पतली, दबी या धँसी हुई रेखाएँ होती हैं।यह अक्सर तेजी से वजन घटने या बढ़ने या मस्कल बिल्डिंग, या हार्मोनल परिवर्तनों के कारण दिखाई देते हैं। ये स्ट्रेच मार्क्स पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकते हैं।
4.स्ट्राई ग्रेविडेरम (गर्भावस्था में खिंचाव के निशान)
गर्भवती महिलाओं को ज्यादातर पेट पर, ब्रेस्ट, हिप्स और जांघों पर खिंचाव के निशान होते है। इन स्ट्रेच मार्क्स को स्ट्राइ ग्रेविडेरम कहा जाता है। ये गर्भावस्था के दौरान त्वचा में तेजी से खिंचाव बन जाते हैं।
5.स्ट्राइ डिस्टेंसे (विकास से खिंचाव के निशान)
खिंचाव के निशान तब होते है जब आप पुबर्टी हिट करते हो या फिर जब आप धीरें - धीरें एडल्ट उम्र में आते है तब होता है।यह ज्यादा तर कंधों, पीठ और जांघों पर दिखाई देते हैं। इन स्ट्रेच मार्क्स को स्ट्राइ डिस्टेंसे के नाम से जाना जाता है।
स्तनों पर खिंचाव के निशान क्यों होते हैं?
ऐसी कई अलग-अलग चीज़ें हैं जो आपके ब्रेस्ट पर खिंचाव के निशान होने का कारण बन सकती हैं या उसकी संभावना बढ़ा सकती हैं।
1. पुबर्टी (puberty)
पुबर्टी के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के वजह से ब्रेस्ट में मौजूत टिशू में प्रभावित हो सकता हैं। जैसे-जैसे ब्रेस्ट में टिशू बढ़ता है वैसे ही त्वचा खिंचती है।त्वचा के पतले होने से ब्रेस्ट पर खिंचाव के निशान हो जाते हैं।कई लड़कियों के लिए खिंचाव के निशान पुबर्टी के कारण होते हैं। कुछ लोगों को अपनी जांघों, हिप्स और बट पर खिंचाव के निशान हो जाते हैं।
2.गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट पर खिंचाव के निशान आना नॉर्मल बात है।गर्भावस्था के लगभग छह सप्ताह बाद ब्रैस्ट बढ़ने लगेंगे क्योंकि एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने से ब्रेस्ट में ग्रोत और दूध नलिकने शुरू हो जाती है। कुछ लोगों के ब्रेस्ट में दो कप साइज़ तक की ग्रोत देखी जा सकती है। इस वजह से ब्रेस्ट पर खिंचाव के निशान हो जाते हैं।
3.वजन बढ़ना और घटना
जिन महिलाओं का वजन बढ़ता है तो उसके साथ उनके ब्रेस्ट में आदीपोज़ टिशू (adipose tissue) बढ़ जाता है। जैसे-जैसे उनके ब्रेस्ट का आकार बढ़ता है वैसे - वैसे स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं।इसके अलावा अगर आपका वजन घट रहा है तो आदीपोज़ टिशू कम हो जाता है फिर भी ब्रेस्ट पर खिंचाव के निशान हो सकते हैं। यह वजन घटाने के दौरान होने वाले कोलेजन के नुकसान के कारण होता है।
4.जेनेटिक
स्ट्रेच मार्क्स खुद ब खुद नहीं होते है पर अगर आपके पेरेंट्स को स्ट्रेच मार्क्स हैं तो संभावना है की यह आपको भी हो सकते हैं। अगर ऐसा है तो आपको अधिक अपने ब्रेस्ट की स्किन का ख्याल रखना बहुत जरूरी हैं ।
चेतावनी: प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।