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Eye care: स्क्रीन से निकल रही Blue Light कैसे आंखों पर असर डालती है?

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों बिना हमारा कोई भी काम होना संभव नहीं होता चाहे वह ऑफिस का काम हो कम्युनिकेशन हो या फिर घर का कोई नीचे काम क्यों ही ना हो।

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Sneha yadav
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The impact of blue light on eye health

(Image credit: pinterest)

The Impact of Blue Light on Eye Health: आपका समय में हम अपना सारा दिन मोबाइल फोन, लैपटॉप और टीवी के सामने बता देते हैं। यह दुनिया इतनी आगे बढ़ गई है कि इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों बिना हमारा कोई भी काम होना संभव नहीं होता चाहे वह ऑफिस का काम हो कम्युनिकेशन हो या फिर घर का कोई नीचे काम क्यों ही ना हो। सभी इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के ऊपर पूरी तरीके से निर्भर हो चुके हैं। इन उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट हमारे आंखों पर बुरा असर डालती है, इसका प्रभाव जानना बेहद महत्वपूर्ण है। तो आईए जानते हैं स्क्रीन से निकल रही blue light कैसे हमारे आंखों पर असर डालता है?

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स्क्रीन से निकल रही blue light का हमारे आंखों पर 5 प्रभाव 

1. डिजिटल आई स्ट्रेन

लंबे समय तक जब हम स्क्रीन पर समय बिताते हैं तो इसके कारण हमारे आंखों में तनाव बनता है जिसे हम डिजिटल आई स्ट्रेन कहते हैं। जब हम बहुत देर तक स्क्रीन पर बैठकर काम करते हैं तो उसकी रोशनी हमारे आंखों को थका देती है। कभी-कभी ज्यादा डिजिटल उपकरण उसे करने से हमारी आंखों में जलन और सूखापन भी हो सकता है। इसकी वजह से आंखें लाल हो सकती है और आंखों में लगातार इचिंग होने लगती है।

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2. नींद की समस्याएं

डिजिटल उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट स्लीप साइकिल को प्रभावित करती है। हमारे शरीर में मौजूद एक हार्मोन होता है जिसका नाम मेलाटोनिन हार्मोन है जी हमारे शरीर को आराम करने और सोने के लिए तैयार करता है। ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन हमारे शरीर में काम कर देता है जिसके वजह से हमें नींद आने में कठिनाई महसूस होती है। सोने से पहले अगर हम लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल कर रही होते है यह हमारी नींद में बाधा डालने का काम करता है।

3. रेटिना को नुकसान

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हमारे आंखों में रेटिना मौजूद होता है जो रोशनी को कैप्चर कर हमें चीजों को दिखाने में मदद करता है। अत्यधिक ब्लू लाइट का इस्तेमाल करने से हमारी आंखों के रेटिना पर लॉन्ग टर्म प्रभाव पड़ता है और यह उसके सेल्स को डैमेज करने का काम करता है। लगातार स्क्रीन देखने से रेटिना पर तनाव उत्पन्न होता है, जिससे आंखों की सेल्स में सूजन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

4. धुंधलापन

स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट हमारे आंखों के तनाव का कारण बनता है, जो हमारे दृष्टि को धुंधला कर देता है और आंखों की गुणवत्ता पर नेगेटिव प्रभाव डालता है। ब्लू लाइट के कारण जब हमारे आंखों पर प्रभाव पड़ता है तो हम दूर की चीजों पर फोकस नहीं कर पाते। यह उन लोगों के लिए किसी चुनौती से काम नहीं जिन्हें अपना काम स्क्रीन पर करना पड़ता है। ब्लू लाइट की वजह से हमारे आंखों पर तनाव रहता है जिससे हमारी आंखें थकी रहती है।

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5. सिरदर्द

मोबाइल से निकलने वाली ब्लू लाइट न केवल हमारे आंखों के साथ ही हमारे मस्तिष्क पर भी वह बुरा असर डालती है। इसके कारण हमें तनाव महसूस हो सकता है जो सर दर्द और माइग्रेट का कारण बनता है। ब्लू लाइट की उच्च ऊर्जा आंखों के पीछे की मांसपेशियों को तनाव देती है, जिससे ब्लड फ्लो और नसें प्रभावित होती हैं। जो व्यक्ति पहले से ही माइग्रेन की प्रॉब्लम से परेशान होता है उसके लिए ब्लू लाइट अत्यधिक हानिकारक होता है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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