These Are Signs Of Dehydration During The Third Trimester Of Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में अनेक परिवर्तन आते हैं। विशेषत: प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में हार्मोन्स में बढ़ोतरी होती है। यह समस्याएं समय के साथ हल होती चली जाती हैं। लेकिन, दूसरी और तीसरी तिमाही में भी शारीरिक बदलाव होते रहते हैं, जो कई समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इसलिए, इस समय महिलाओं को अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए। खासकर, तीसरी तिमाही में डिहाइड्रेशन की समस्या सामने आ सकती है। इस तरह की समस्याओं को उन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस लेख में आपको बताया जाएगा कि तीसरी तिमाही में डिहाइड्रेशन के लक्षण क्या हो सकते हैं, चलिए जानें।
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में डिहाइड्रेशन के होते हैं ये संकेत
डार्क यूरिन
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में अगर महिला डिहाइड्रेशन का अनुभव करती है, तो उसका यूरिन का रंग डार्क हो जाता है और पेशाब की मात्रा भी कम हो सकती है। ऐसे में, अगर आपका यूरिन डार्क होता है तो यह एक संकेत हो सकता है कि आप डिहाइड्रेशन की समस्या से जूझ रही हैं।
चक्कर आना
प्रेग्नेंसी के दौरान मुंह सूखना एक सामान्य समस्या होती है। जब यह समस्या अधिक हो जाती है, तो इसे डिहाइड्रेशन से जोड़ा जाता है। डिहाइड्रेशन के कारण न केवल पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है, बल्कि कई महिलाओं को गले का सूखना भी महसूस होता है और उन्हें चक्कर आने लगते हैं। चक्कर आने पर व्यक्ति को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि वह अस्थिर भाव में आ सकता है और आंखों में धुंधलाहट महसूस होती है। प्रेग्नेंसी के तीसरे तिमाही में यह स्थिति अधिक चिंता का विषय है। ऐसे मामलों में महिला के गिरने का खतरा बढ़ जाता है और यह मिसकैरेज के लिए एक कारण बन सकता है।
4 बार से कम पेशाब
4 बार से कम पेशाब आना डिहाइड्रेशन का एक संकेत हो सकता है। डिहाइड्रेशन में शरीर में पानी की कमी होती है। प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में, गर्भ में बढ़ते शिशु के कारण ब्लैडर पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे महिलाओं को बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है। इसके बावजूद, पेशाब की मात्रा अधिक होती है, लेकिन यह भी आम रंग का होता है और कोई अन्य गंध नहीं होती। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान डिहाइड्रेशन है, तो महिला 4 बार या उससे कम पेशाब कर सकती है।
यूरिन इंफेक्शन
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में, अगर महिला कम यूरिन निकालती है, तो यह ब्लैडर इंफेक्शन का कारण हो सकता है। यह होता है क्योंकि अधिक पानी का सेवन नहीं किया जाता है और यूरिन ब्लैडर में जमा रहता है। इससे प्राइवेट पार्ट्स में जलन भी हो सकती है।
कब्ज की समस्या
कब्ज भी प्रेग्नेंसी के तीसरे तिमाही में आम समस्या है। इसका मुख्य कारण होता है बच्चे के भार से बाउल मूवमेंट में अटकाव आना। अगर महिला पानी की कमी का सामना कर रही है, तो यह समस्या और भी बढ़ सकती है। इससे बाउल मूवमेंट में परेशानी हो सकती है।
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