Menstrual Cycle: आपके पीरियड्स हर बार अलग होते हैं? जानिए यह नॉर्मल है या नहीं

अगर हर बार पीरियड्स को लेकर अनुभव अलग-अलग होते हैं जैसे कभी जल्दी आते हैं, कभी देर से, कभी हल्के होते हैं तो कभी भारी तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या ये नॉर्मल है या नहीं। चलिए आज इसे समझते हैं-

author-image
Rajveer Kaur
New Update
Period products

Photograph: (Freepik)

हर महीने पीरियड्स आते हैं जो कि नॉर्मल और अच्छी बात है। ऐसे में हर बार पीरियड्स को लेकर थोड़ा बहुत अनुभव बदल सकता है लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर हर बार पीरियड्स को लेकर अनुभव अलग-अलग होते हैं जैसे कभी जल्दी आते हैं, कभी देर से, कभी हल्के होते हैं तो कभी भारी तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या ये नॉर्मल है या नहीं। चलिए आज इसे समझते हैं-

Advertisment

आपके पीरियड्स हर बार अलग होते हैं? जानिए यह नॉर्मल है या नहीं

मेंस्ट्रूअल साइकिल क्या है?

मेंस्ट्रूअल साइकिल में ऐसे परिवर्तन शामिल हैं जिससे आपका शरीर हर महीने गुजरता है, ताकि संभावित तौर पर आप गर्भावस्था के लिए तैयार हो सके। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन जटिल होती है जिसकी औसत अवधि 28 दिनों तक होती है लेकिन हर किसी का साइकिल अलग हो सकता है। मेंस्ट्रूअल साइकिल के चार फेस होते हैं-पहले फेस जब आपको पीरियड होते हैं। इसके बाद फॉलिकल फेस शुरू होता है जो पीरियड के पहले दिन से शुरू होकर 13 से 14 दिनों तक रहता है। इसके बाद ओवुलेशन की शुरुआत हो जाती है जिसमें मेच्योर एग ओवरी से रिलीज हो जाता है। ओव्यूलेशन के बाद, अंडा फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से आपके यूट्रस तक पहुंचता है। 

Advertisment

नॉर्मल क्या है?

एक "नॉर्मल" पीरियड साइकिल आमतौर पर 21 से 35 दिनों का होती है। इस साइकिल में 2 से 7 दिन तक ब्लीडिंग होती है है। हर महीने थोड़ा-बहुत बदलाव जैसे पीरियड्स का 1-2 दिन पहले या बाद में आना, या फ्लो में हल्का अंतर बिल्कुल नॉर्मल है। हर महिला की बॉडी अलग होती है और मौसम, थकान, या डाइट की वजह से छोटे-मोटे बदलाव हो सकते हैं। इसके अलावा टीनएज में या मेनोपॉज से पहले पीरियड्स का थोड़ा अनियमित होना भी आम है, क्योंकि हॉर्मोन अभी सेट हो रहे होते हैं या बदल रहे होते हैं।

कब है नॉर्मल से बाहर?

Advertisment

हर बार अनुभव का"थोड़ा अलग" होना जैसे 2-3 दिन का फर्क या फ्लो में मामूली बदलाव बिल्कुल नॉर्मल हो सकता है। इसके लिए घबराने की या फिर पैनिक होने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। चिंता की बात तब है जब हर बार बहुत ज्यादा अंतर हो और आपकी रूटीन को परेशान कर रहा हो (जैसे प्लानिंग न कर पाना, स्ट्रेस बढ़ना), तो ये नॉर्मल नहीं है और इसकी वजह पता होना जरूरी है। इसलिए अपने शरीर को सुनें। जब भी कुछ गलत लग रहा है, तो चेकअप करवाएं।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

  • बहुत सारी महिलाओं की यह समस्या रहती है कि उन्हें यह समझ नहीं आता है कि उनके पीरियड्स नॉर्मल है या नहीं।इसलिए हम आपको बताएंगे कि कब आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है-
  • अगर आपके पीरियड्स का पैटर्न बदल रहा है तो आपको चिंता करने की जरूरत है।
  • अगर आपको हैवी पीरियड हैं जैसे आपको हर 2 घंटे में पीरियड प्रोडक्ट जैसे पैड चेंज करना पड़ रहा है तो भी यह नॉर्मल नहीं है।
  • अगर आपके पीरियड्स 3 दिनों से लेकर 7 दिनों तक रहते हैं तो यह बिल्कुल नॉर्मल है लेकिन अगर अगर आपको 7 दिनों से ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो चिंता करने की बात है
  • अगर आपका मेंस्ट्रूअल फ्लो बहुत ज्यादा हल्का है तब यह अच्छा संकेत नहीं है। इसके लिए भी आपको एक बार डॉक्टर से जरूर मिल लेना चाहिए।
  • पीरियड्स के दौरान अगर लक्ष्णों को हैंडल नहीं कर पा रहे हैं और यह आपकी डेली रूटीन को प्रभावित कर रहा है या फिर बहुत ज्यादा दर्द, क्रैंपिंग, नौसिया या फिर वोमिटिंग हो रही है तो यह नॉर्मल नहीं है।
Advertisment

मेंस्ट्रूअल साइकिल पर नजर रखना बहुत जरूरी

मेंस्ट्रूअल साइकिल पर नजर रखना बहुत जरूरी है ताकि आप हर महीने होने वाले बदलावों पर नजर रख पाए और समझ पाए की जिस स्थिति से आप गुजर रहे हैं वह नॉर्मल है या नहीं और समय रहते आप सही इलाज तक पहुंच पाए। ऐसे में हर महीने अपने पीरियड्स की डेट्स, फ्लो, और दूसरी चीजें जैसे मूड को ट्रैक करें। इससे मेंस्ट्रूअल साइकिल के पैटर्न को समझने में मदद मिलेगी।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

Menstrual Cycle Abnormal Periods period longer menstrual cycle