What Sets Off Panic Attacks: पैनिक अटैक को भयानक एक्सपीरियन्स कहा जाता है जब किसी का मन अचानक से अचानक तनावग्रस्त हो जाता है, जिसके कारण उसे अस्वस्थ महसूस होता है, साथ ही शरीर में तेजी से हृदय ध्वनियों की गति होती है, सांस लेने में तकलीफ होती है, सिरदर्द होता है और जीवन में भयानक और अस्वस्थ एक्सपीरियन्स होता है। लेकिन यह एक रोग नहीं है बल्कि यह एक स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति के मन में अचानक तनाव होता है और इससे उसे अनुभव होता है कि उसका शरीर या मन वास्तव में कुछ गलत हो रहा है।
Panic Management: यह 6 कारण है पैनिक अटैक्स आने के
1. गंभीर स्तर का तनाव (Severe Stress)
पैनिक अटैक का मुख्य कारण तनाव होता है, जो किसी भी कारण से हो सकता है। यह तनाव मस्तिष्क को असंतुलित कर देता है, जिससे शारीरिक संकेत उत्पन्न होते हैं जैसे कि हृदय की धड़कनें तेज होना, श्वास लेने में तकलीफ, गायबी महसूस करना, घातक डर या बेचैनी। इसका मुख्य कारण होता है एड्रेनालाइन और कोर्टिज़ोल के शारीरिक उत्पादन में वृद्धि, जो उन्हें तत्कालिक ऊर्जा की अधिकता का अहसास कराती है।
2. गहरी चिंता या डर (Deep Anxiety or Fear)
चिंता और डर के भावनात्मक प्रकोप से भी पैनिक अटैक का सामना करना पड़ सकता है। जब व्यक्ति अत्यधिक चिंतित होता है या डरता है, तो उसके शारीरिक प्रतिक्रियाएं अधिक सक्रिय होती हैं जो पैनिक अटैक का कारण बन सकती हैं। यह अनियंत्रित भावनाएं होती हैं जो व्यक्ति को अस्थिर महसूस कराती हैं और उन्हें एक दरिद्रता भास होती है। इसका नतीजा हो सकता है कि वे अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पाते और पैनिक अटैक का शिकार हो जाते हैं।
3. आक्सीजन की कमी (Lack of Oxygen)
थकान, बार-बार उबासी आना या वायरल बीमारी से यदि व्यक्ति को उच्च तापमान, जिन्हें शारीरिक संकेतों के रूप में भावनात्मक समस्याएं भी पैनिक अटैक का कारण बन सकती हैं। आक्सीजन की कमी के कारण भी पैनिक अटैक की भावना हो सकती है। इससे व्यक्ति को लग सकता है कि उन्हें खुद को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है और उन्हें पैनिक अटैक का भय होता है।
4. ध्यान विकृतियां (Attention Disorders)
ध्यान की भटकाव या विकृतियां भी पैनिक अटैक के कारण बन सकती हैं। ऐसे व्यक्ति को अक्सर विशेष बातों पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है और वह अपनी चिंताओं को नियंत्रित नहीं कर पाते। यह ध्यान की विकृतियां पैनिक अटैक के उत्पन्न होने की संभावना को बढ़ाती हैं क्योंकि व्यक्ति अपनी स्थिति को संभालने में असमर्थ महसूस करता है।
5. सामाजिक परिस्थितियां (Social Conditions)
व्यक्ति को अधिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है जब उसे अच्छे से अधिकारिक या सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ता है। इससे पैनिक अटैक की भावना हो सकती है। समाज में होने वाले दबाव को समझने और इसके साथ निपटने के लिए हमें सहायता लेनी चाहिए, ताकि हम इससे सही तरीके से निपट सकें और अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें।
6. नेगेटिव सोच और धारणाएं (Negative Thinking)
जीवन में कई बार हमारे मन में नकारात्मक सोच और धारणाएं बैठ जाती हैं, जो हमें पूर्णत: आत्म-विश्वास से दूर कर देती हैं। यह नकारात्मक सोच और धारणाएं हमारे मन को भयानक भावनाओं से भर देती हैं। जिस तरह से एक सकारात्मक मानसिकता हमें आत्म-विश्वास में वृद्धि करती है, ठीक उसी प्रकार नकारात्मक सोच हमें डरावने और अवसाद में डाल सकती है। इसलिए, हमें अपनी सोच को सकारात्मक और सकारात्मक धारणाओं में परिवर्तित करने का प्रयास करना चाहिए।
पैनिक अटैक से बचने के लिए व्यक्ति को तनाव को कम करने, नियमित व्यायाम करने, सही नींद लेने, और अच्छा पोषण लेने का ध्यान रखना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बार-बार पैनिक अटैक का सामना कर रहा है, तो उसे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ताकि सही इलाज और सलाह प्राप्त कर सके।