Advertisment

Pregnancy के फैसले में क्यों महिलाओं की नहीं होती मर्जी?

ऐसा बहुत कम होता है कि प्रेगनेंसी का फैसला महिलाओं का हो। यह ससुराल वाले या फिर पार्टनर तय करता है कि शादी के बाद बच्चा कब पैदा करना है। इसमें महिला की राय कभी भी नहीं पूछी जाती है। उन्हें सिर्फ बच्चा पैदा करने वाली मशीन समझा जाता है।

author-image
Rajveer Kaur
New Update
Pregnancy Recovery Food

Why Women's Choices Are Often Overlooked in Pregnancy Decisions: ऐसा बहुत कम होता है कि प्रेगनेंसी का फैसला महिलाओं का हो। यह ससुराल वाले या फिर पार्टनर तय करता है कि शादी के बाद बच्चा कब पैदा करना है। इसमें महिला की राय कभी भी नहीं पूछी जाती है। उन्हें सिर्फ बच्चा पैदा करने वाली मशीन समझा जाता है। उन्हें लगता है कि एक महिला तो मां बनना चाहती ही है। यह सोच महिलाओं की प्रगति में एक बहुत बड़ी बाधा है। आप हर एक महिला को जनरलाइज नहीं कर सकते हैं। मां बनना हर किसी की चॉइस नहीं होती है और अगर कोई महिला मां नहीं बनना चाहती है तो इसमें भी कुछ भी गलत नहीं है। चलिए आज बात करते हैं कि क्यों महिलाएं प्रेगनेंसी का फैसला खुद नहीं लेती?

Advertisment

Pregnancy के फैसले में क्यों महिलाओं की नहीं होती मर्जी?

हमारा समाज पुरुष प्रधान है जहां पर बच्चे पैदा करने का फैसला पुरुषों की तरफ से लिया जाता हैं। परिवार वाले बताते हैं कि एक औरत को किस उम्र तक मां बन जाना चाहिए। शादी के बाद भी महिलाओं के ऊपर बहुत बड़ा प्रेशर बनाया जाता है। जिन महिलाओं को शादी के कुछ समय बाद बच्चा नहीं होता है तो समाज की तरफ से उन्हे जज किया जाता है। यह जजमेंट महिलाओं की स्वायत्तता को बहुत ज्यादा सीमित कर देती है जिसके कारण महिलाएं अपनी बॉडी से जुड़े फैसले भी नहीं ले पाती। उनका अपनी ही बॉडी के ऊपर अधिकार कम हो जाता है।

महिलाओं को हम इतना सक्षम ही नहीं बनाते हैं कि वह अपने फैसले खुद ले सकें। उनके हर फैसले में परिवार या फिर किसी पुरुष का बहुत बड़ा रोल होता है। इसके साथ ही महिलाएं आर्थिक रूप से भी तंग होती हैं जिसके कारण उन्हें परिवार के फैसले को मानना पड़ता है। उनके पास इतने ज्यादा मौके नहीं होते हैं कि अगर वह किसी की बात नहीं मानती तो अकेले अपनी जिंदगी को गुजार सकें। इसके साथ ही अबॉर्शन को हमारे समाज में बहुत बुरा माना जाता है। इसको लेकर भी महिलाओं को जज किया जाता है और इससे जुड़े कानून भी अभी इतने खुले नहीं हैं। आज भी बहुत सारी जगहों पर महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ केयर तक बहुत कम पहुंच है।

Advertisment

इसके साथ ही महिलाओं के अंदर एक डर भी होता है कि अगर वह अपने पति की बात नहीं मानेगी तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा या फिर उनके साथ हिंसा भी हो सकती है। महिलाओं को बहुत तरीके से मैनिपुलेट भी किया जाता है जिसके कारण भी महिलाएं अपने लिए फैसला ले ही नहीं पाती। इसके साथ ही बहुत सारे लोग सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उन्हें कांट्रेसेप्शन के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं होती है जिसके कारण भी महिलाओं को अनचाही प्रेगनेंसी का बोझ उठाना पड़ता है।

इसलिए महिलाओं को अपने रिप्रोडक्टिव हकों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए और उन्हें प्रोटेक्शन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। अगर आपका पार्टनर प्रोटेक्शन इस्तेमाल करने के लिए मना कर रहा है तो आपको फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए। यह आपकी बॉडी है और इस पर आपका अधिकार है।

Pregnancy Pregnancy Myths Decision Making
Advertisment