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Why It Is Important to Pay More Attention to Women's Heart Health: हृदय रोग सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए भी एक बड़ी चिंता है। आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में महिलाएं हर मोर्चे पर खुद को साबित कर रही हैं, घर हो या ऑफिस, हर जगह अपनी जिम्मेदारियाँ बखूबी निभा रही हैं। लेकिन इस भागदौड़ में वे सबसे ज़रूरी चीज, यानी स्वास्थ्य, अक्सर भूल जाती हैं। खासतौर पर दिल का स्वास्थ्य, जो चुपचाप प्रभावित होता रहता है और सबसे अधिक देखभाल की जरूरत भी हृदय को ही होती है।
Heart Matters: महिलाओं के हृदय स्वास्थ्य पर क्यों जरूरी है अधिक ध्यान देना
महिलाओं के हृदय स्वास्थ्य की अनदेखी
परिवार की जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देने न महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देती हैं। दिनचर्या में व्यस्त रहने के कारण महिलाएं अपने शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़े चेतावनी के संकेतों को नजरअंदाज कर देती हैं। हृदय से जुड़ी बीमारियों के लक्षण भी महिलाओं में पुरुषों से अलग और कम स्पष्ट हो पाते हैं, जैसे थकान, सांस फूलना, उल्टी या पीठ और जबड़े में दर्द। यही कारण है कि महिलाओं में हृदय रोग का समय पर पता नहीं चल पाता और इलाज में देर हो जाती है।
हार्मोनल बदलाव
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, खासकर मेनोपॉज के बाद, हृदय रोग के खतरे बढ़ जाते है। एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने से हृदय को प्राकृतिक सुरक्षा कम मिलती है और कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। गर्भावस्था से जुड़ी कुछ स्थितियाँ जैसे प्रेग्नेंसी हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज भी महिलाओं के आने वाले समय में हृदय रोग का जोखिम भी बढ़ा देती हैं।
हृदय पर जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव
जीवन में तनाव, नींद की कमी, असंतुलित आहार और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने महिलाओं के हृदय स्वास्थ्य को और भी कमजोर बना दिया है। इसके अलावा, डिप्रेशन और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकती हैं, और महिलाओं में ये समस्याएँ पुरुषों की तुलना में अधिक पाई जाती हैं।
हृदय को स्वस्थ रखने के उपाय
महिलाओं का हृदय बहुत ही कोमल और भावनात्मक होता है। इसीलिए ये जरूरी है कि वे अपने हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। इसके लिए कुछ आसान और प्रभावी कदम उठा सकते हैं, जैसे नियमित रूप से व्यायाम करना, योग या तैराकी करना। संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन, जिसमें फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन शामिल हों। तनाव से मुक्ति के लिए ध्यान, प्राणायाम या मनपसंद गतिविधियाँ करना। ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएं। किसी भी प्रकार के नशे जैसे स्मोकिंग, शराब सेवन आदि से बचें। सही नींद लें और अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें।