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Photograph: (Pinterest via NewYorkPostShopping)
सर्दियों का मौसम जितना सुहावना लगता है, यह हमारे शरीर में उतने ही बदलाव भी लेकर आता है। ज्यादातर महिलाएं थकान, कमजोरी, मूड स्विंग्स और बॉडी पेन को “सीजनल प्रॉब्लम” समझकर अनदेखा कर देती हैं, जबकि इसकी जड़ अक्सर Vitamin D की कमी होती है। इस मौसम में धूप कम मिलना, घर के अंदर अधिक समय बिताना और बॉडी की नैचुरल प्रोसेसिंग का धीमा पड़ जाना Vitamin D लेवल को काफी हद तक कम कर देता है। लेकिन ठंड के मौसम में इसकी कमी क्यों बढ़ती है और इसे कैसे पूरा किया जा सकता है? आइए जानते हैं।
Winter Health Care: सर्दियों के दौरान महिलाओं में Vitamin D की कमी क्यों बढ़ जाती है? क्या खाएं और कैसे पूरी करें ये कमी?
1. महिलाओं में Vitamin D की कमी ज़्यादा क्यों?
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, बोन डेंसिटी में कमी और आयरन–कैल्शियम की अधिक ज़रूरत के कारण Vitamin D deficiency का खतरा अधिक होता है। सर्दियों में धूप का कम मिलना और मोटे कपड़ों की लेयरिंग से स्किन को पर्याप्त सन एक्सपोज़र नहीं मिल पाता। यही कारण है कि बॉडी Vitamin D को उतनी मात्रा में सिंथेसाइज़ नहीं कर पाती। सर्दियों के महीनों में UVB rays इतनी तेज नहीं होतीं कि वह स्किन में पर्याप्त Vitamin D प्रॉडक्शन कर सके, जिससे नेचुरल Vitamin D का उत्पादन घट जाता है।
2. शरीर में Vitamin D कम होने के संकेत
महिलाओं में इसके कई लक्षण सामान्य समस्याओं जैसे लगते हैं, जिससे deficiency को अक्सर अनदेखा किया जाता है। इन आम संकेतों में शामिल हैं:
- लगातार थकान या कमजोरी
- मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन या हल्का डिप्रेशन
- स्किन और बालों का ड्राई होना
- हड्डियों या मांसपेशियों में हल्का दर्द
- इम्युनिटी का जल्दी कमजोर होना
अगर ये लक्षण हर सर्दी दोहराए जाते हैं, तो Vitamin D की कमी एक बड़ा कारण हो सकता है। अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो लेवल चेक करवाना ज़रूरी है।
3. सर्दियों में Vitamin D का सबसे अच्छा स्रोत
सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच की धूप सबसे अधिक प्रभावी होती है। महिलाओं के लिए रोज़ाना 15–20 मिनट सन एक्सपोज़र ज़रूरी है। कोशिश करें कि हाथ-पैर या चेहरे पर बिना सनस्क्रीन धूप लगे, ताकि absorption बेहतर हो सके। ठंड में धूप का समय सीमित होता है, इसलिए इसका फायदा हर दिन लेना ज़रूरी है।
4. विटामिन D के लिए क्या खाना चाहिए?
सिर्फ धूप ही नहीं, डाइट भी विटामिन D लेवल को बैलेंस करने में बड़ी भूमिका निभाती है। महिलाओं को खासतौर पर ऐसे फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए जिनमें Vitamin D और कैल्शियम दोनों मौजूद हों। अगर आप नॉन-वेज खाती हैं तो अंडे की जर्दी, फिश, या वेज ऑप्शंस जैसे मशरूम, फोर्टिफाइड मिल्क, दही, पनीर, तिल और बादाम ले सकती हैं। इनसे न सिर्फ Vitamin D मिलता है, बल्कि हड्डियाँ मजबूत होती हैं और विंटर फैटिग जैसी समस्याएँ कम होती हैं।
5. क्या Vitamin D सप्लीमेंट लेने चाहिए?
महिलाओं में प्रेग्नेंसी, पीरियड साइकल, हार्मोनल असंतुलन और कैल्शियम की कमी के कारण सप्लीमेंट की ज़रूरत ज़्यादा हो सकती है। अगर धूप और डाइट से सुधार नहीं दिख रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह से टेस्ट करवाकर ही सप्लीमेंट शुरू करें। खुद से सप्लीमेंट लेने से हानिकारक साबित हो सकता है।
6. किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए?
Vitamin D लेवल को बनाए रखने और deficiency से बचने के लिए कुछ आसान लेकिन ज़रूरी आदतें अपनानी चाहिए। महिलाएं सर्दियों में इन पर ध्यान दें:
- रोज़ थोड़ा समय धूप में बिताएं ताकि शरीर नेचुरल Vitamin D बना सके।
- प्रोटीन और कैल्शियम-रिच डाइट अपनाएँ।
- नियमित वॉक या हल्की एक्सरसाइज करें।
- पर्याप्त पानी पिएँ, क्योंकि dehydration से Vitamin D का absorption कम होता है।
- जंक फूड और अत्यधिक कैफ़ीन का सेवन कम करें।
- भारी कपड़ों की बहुत ज्यादा लेयरिंग से बचें ताकि धूप स्किन तक पहुँच सके।
इन आसान आदतों से शरीर की Vitamin D एब्ज़ॉर्प्शन बेहतर होती है और सर्दियों में थकान, मूड स्विंग्स या हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएँ कम हो सकती हैं। यदि लक्षण लगातार बने रहें, तो लैब टेस्ट करवाना ज़रूरी है।
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