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Pregnancy Talks: क्यों महिलाएं प्रेगनेंसी के पहले 3 महीनों में रहती हैं सतर्क?

प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं के जीवन में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते हैं। उन बदलाव के कारण महिलाओं को अपनी और शिशु दोनों की देखभाल करना आवश्यक है। प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने महिलाएं और शिशु दोनों के लिए नाजुक होते हैं।

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Sneha yadav
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Pregnancy tips

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Women Stay Extra Cautious During the First Three Months of Pregnancy: प्रेगनेंसी महिलाओं के जीवन का एक बहुत ही सुखद और खुशी का पल होता है, क्योंकि वह एक नन्ही सी जान को इस दुनिया में लाने के लिए यह तैयार करती हूं। प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं के जीवन में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते हैं। उन बदलाव के कारण महिलाओं को अपनी और शिशु दोनों की देखभाल करना आवश्यक है। प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने महिलाएं और शिशु दोनों के लिए नाजुक होते हैं। यह एक प्रारंभिक चरण माना जाता है जिसमें शिशु की विभिन्न अंगों का विकास होता है जैसे कि मस्तिष्क, हृदय, रीड की हड्डी और अन्य अंग। तो आइये जानते हैं क्यों महिलाएं प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने में रहती हैं सतर्क।

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महिलाएं का प्रेगनेंसी के पहले 3 महीनों में सतर्क रहने के 5 कारण

1. मिसकैरेज का खतरा

गर्भावस्था की पहले 3 महीने में मिसकैरेज होने का खतरा अधिक होता है। अक्सर यह देखा जाता है इस समय महिलाएं अधिक सतर्क रहती हैं। इस समय Embryo के लिए एक नाजुक पल होता है क्योंकि उसके शरीर और अंग तेजी से विकसित करते हैं। इस तेरे एन अगर कोई परेशानी, अत्यधिक शारीरिक मेहनत या फिर किसी प्रकार का तनाव होता है तो उसका सीधा असर गर्भ में पाल रही शिशु पर पड़ता है।

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2. हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तन 

पहले 3 महीने में महिलाओं के शरीर में बहुत सारे हार्मोन बदलाव तेजी से देखने को मिलते हैं। शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन द लेवल बढ़ जाता है जो गर्भाशय को स्वस्थ बनाए रखने का काम करता है साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में भी पूर्ण योगदान देता है। इस हार्मोनल बदलाव के कारण मॉर्निंग सिकनेस, थकान, चक्कर और मूड स्विंग जैसे समस्या देखने को मिलती है।

3. Embryo का विकाश 

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प्रेगनेंसी का पहला 3 महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दौरान गर्भ में पल रहे शिशु के महत्वपूर्ण अंग जैसे मस्तिष्क, हृदय की हड्डियां और आदि अंगों का विकास प्रारंभ होता है। इस समय शिशु के शरीर की नींव रखी जाती है और महिलाएं इस दौरान अपने सेहत को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं कर सकती क्योंकि इसका सीधा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। लापरवाही के कारण शिशु को हृदय की समस्या हो सकती है।

4. पोषण और आहार

पहले 3 महीना में शिशु का विकास बहुत तेजी से देखने को मिलता है इसीलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने खान-पान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इस दौरान सही पोषण लेना महत्वपूर्ण होता है। अपने डाइट में फोलिक एसिड आयन कैल्शियम और प्रोटीन शामिल करें क्योंकि यह ऐसे तत्व है जो भ्रूण के मस्तिष्क हड्डियां और अन्य अंगों के विकास में मदद करते हैं। साथ ही जंक फूड को ज्यादा से ज्यादा अवॉइड करना चाहिए।

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5. संक्रमण और बीमारियों से बचाव

प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने महिलाओं के शरीर और उनकी इम्यूनिटी सिस्टम के लिए किसी चुनौती से काम नहीं होते। इस समय इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है इसके बचाव के लिए महिलाओं को सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि इन्फेक्शन गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में गंभीर बाधा डाल सकता है। इस दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखना, डॉक्टर की सलाह से vaccination करवाना और भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना आवश्यक होता है।

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