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Photograph: (Freepik)
World Asthma Day: हर साल मई के पहले मंगलवार को World Asthma Day यानी विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में अस्थमा जैसी गंभीर लेकिन नियंत्रण योग्य बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन न केवल रोगियों को इसकी गंभीरता के बारे में जानकारी देने का अवसर होता है, बल्कि समाज को यह समझाने का भी कि समय पर पहचान और देखभाल से इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। अस्थमा बच्चों और बड़ों दोनों को प्रभावित करता है और यह रोग लाइफ को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है।
अस्थमा क्या है?
अस्थमा एक दीर्घकालिक श्वसन रोग है जिसमें फेफड़ों की वायुमार्ग यानी सांस की नलियों में सूजन और संकुचन हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है, खांसी आती है, सीने में जकड़न महसूस होती है और कभी-कभी सांसों में सीटी जैसी आवाज़ भी सुनाई देती है। इसकी तीव्रता हर व्यक्ति में अलग होती है। कुछ लोगों को यह हल्के रूप में होता है, तो कुछ को यह रोग गंभीर अटैक की स्थिति में अस्पताल तक पहुंचा सकता है।
अस्थमा के कारण
अस्थमा होने के कई कारण हो सकते हैं। वातावरण में मौजूद धूल, धुआं, परागकण, गाड़ियों का प्रदूषण और तेज गंध जैसे कारक अस्थमा के सबसे आम ट्रिगर माने जाते हैं। इसके अलावा, कुछ खाद्य पदार्थों, दवाइयों या जानवरों से एलर्जी भी इसकी वजह बन सकती है। अगर किसी के परिवार में अस्थमा का इतिहास रहा हो, तो उनमें भी इसके होने की संभावना अधिक होती है। छोटे बच्चों में हुए श्वसन संक्रमण या बार-बार होने वाले बुखार भी भविष्य में अस्थमा को जन्म दे सकते हैं। धूम्रपान, चाहे खुद किया जाए या दूसरों के धुएं के संपर्क में आया जाए, अस्थमा की स्थिति को और खराब कर सकता है।
अस्थमा के लक्षण
अस्थमा के लक्षणों में प्रमुख हैं सांस लेने में कठिनाई, लगातार खांसी (विशेष रूप से रात के समय), सीने में दबाव या जकड़न, व्यायाम करते समय सांस फूलना और सांस लेते समय आवाज़ आना। जब ये लक्षण अचानक बहुत अधिक बढ़ जाएं, तो इसे अस्थमा अटैक कहा जाता है, जो कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकता है।
अस्थमा से बचाव के उपाय
वैसे तो अस्थमा का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे सही देखभाल और सावधानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए सबसे जरूरी है उन चीजों से बचना जो अस्थमा को ट्रिगर करती हैं, जैसे कि धूल, धुआं या एलर्जन। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे अस्थमा का खतरा कम हो सकता है। धूम्रपान से पूरी तरह बचना चाहिए और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं या इनहेलरों का नियमित और सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही, नियमित स्वास्थ्य जांच और लक्षणों की निगरानी से अस्थमा को समय पर नियंत्रित किया जा सकता है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।