Self Pleasure: महिलाएं कैसे करें अपने बॉडी को एक्स्प्लोर

Self-pleasure कोई शर्म की बात नहीं, बल्कि अपनी बॉडी और इमोशंस को जानने की एक healthy शुरुआत है। जानिए कैसे महिलाएँ खुद को बेहतर महसूस कर सकती हैं।

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Deepika Aartthiya
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Photograph: (Freepik)

चाहे मर्द हो या औरत, हर इंसान में सेक्सुअल डिज़ायर्स होती हैं। लेकिन समाज ने महिलाओं को अपनी इच्छाओं को एक्सप्रेस करने का हक़ कभी नहीं दिया। इसके पीछे कारण है महिलाओं को इस तरह से कंडीशन किया जाना कि वो हमेशा अपनी फिजिकल नीड्स को खुद ही इग्नोर कर देती हैं। उन्हें ख़ुद नहीं पता होता कि उनकी बॉडी कब, क्या और कैसे फील करती है, क्या पसंद है और क्या नहीं। “Self Pleasure” ग़लत नहीं है, इसका साफ मतलब है अपनी बॉडी को थोड़ा बेहतर समझना और कम्फर्टेबल फील करना। इसके कई तरीक़े हैं और ये आपके लिए फ़ायदेमंद भी है। आइए जानते हैं कैसे।

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Self Pleasure: महिलाएं कैसे करें अपने बॉडी को एक्स्प्लोर

1. Guilt छोड़ें, Pleasure को अपनाएँ

हमारे समाज में self-pleasure को अक्सर शर्म या पाप से जोड़ा जाता है, लेकिन खुद को सुख देना एक नेचुरल नीड और healthy प्रोसेस है। इसमें कुछ भी गलत नहीं। लेकिन आप प्लेज़र को तभी अपना सकती हैं जब आप अपने मन में किसी तरह का गिल्ट ना रखें। ऐसे आप बॉडी और मन दोनों के साथ ऑनेस्ट रह सकती हैं।

2. अपने बॉडी को जज नहीं, एक्सेप्ट करें 

Self-pleasure की शुरुआत acceptance यानी स्वीकार करने से होती है। अपने शरीर को जैसे है, वैसे ही अपनाएं। आईने में खुद को देखें, अपनी स्किन और टच को फील करें। ये आपको अपनी बॉडी के साथ एक नया कनेक्शन बनाने में मदद करेगा। ये प्रोसेस ना तो गलत है और ना ही कोई शर्म की बात। ये आपके और आपके बॉडी के बीच एक भरोसेमंद रिश्ता बनाने की शुरुआत है। बस आप खुद को critic की तरह नहीं, एक फ्रेंड की तरह देखें।

3. अपने Comfort को पहचानें

हर महिला का शरीर अलग होता है और हर किसी का कम्फर्ट ज़ोन भी अलग होता है। अपने बॉडी को एक्सप्लोर करना मतलब है ये जानना कि कौन-सा टच आपको कम्फर्ट देता है, जैसे हल्का टच, सांसों की गर्मी या कोई खास एहसास। ये कोई जल्दबाज़ी नहीं, बल्कि धीरे-धीरे खुद को समझने की एक खूबसूरत प्रोसेस है। जहां आप अपने बॉडी की sensations को फील करना सीखती हैं।

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4. Safe और Comfortable माहौल बनाएँ

Self-Pleasure का अनुभव तभी बेहतर होता है जब आप पूरी तरह कम्फर्टेबल हों। अपने लिए एक peaceful जगह चुनें, जहां कोई disturbance ना हो। आप चाहे तो हल्की रोशनी, या soothing music का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे आपको खुद को फील करने और अपने बॉडी को समझने और उसके साथ कम्फर्टेबल होने का मौका मिलता है।

5. Arousal के लिए क्या करें?

कई बार सेल्फ -प्लेज़र सिर्फ टच तक सीमित नहीं होता। आप अपनी पसंदीदा fantasies के ज़रिए खुद को मेंटली प्रीपेयर कर सकती हैं, या gentle foreplay से अपनी बॉडी को एक्सप्लोर कर सकती हैं। चाहें तो एथिकल सेक्स स्टोरीज़, इरोटिक ऑडियोज़ या रोमांटिक visuals का सहारा लें, ताकि आप अपने सेंसेशंस और इमोशंस को बेहतर समझ सकें। याद रखें, ये सब आपके कम्फर्ट और चॉइस का हिस्सा है।

6. खुद से जुड़ाव सिर्फ फिज़िकल नहीं, इमोशनल भी है

अपने शरीर को जानना सिर्फ फिज़िकल एक्ट नहीं है, ये इमोशनल कनेक्शन भी है। जब आप अपने बॉडी की फीलिंग्स को समझती हैं, तो आप अपनी डिज़ायर्स, लिमिट्स और कम्फर्ट को भी बेहतर जान पाती हैं। यही अवेयरनेस आगे चलकर आपको कॉन्फ़िडेंट और इमोशनली बैलेंस्ड बनाती है।

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जिस तरह से हम अपनी मेंटल या फिजीकल हैल्थ का ख्याल रखते हैं, वैसे ही sexual wellness भी ज़रूरी है। अपने प्लेज़र को दबाने के बजाय उसे नॉर्मलाइज़ करना सीखें। ये आपकी बॉडी पॉज़िटिविटी और इमोशनल वेलबींग दोनों को बढ़ाता है।

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