Why Self Acceptance Is Important For Better Sexual Life: जब बात खुद को स्वीकार करने की आती है तो बहुत बार हम ऐसा नहीं कर पाते हैं। इसका कारण है कि हमें हमेशा अपने आप में कमी ही दिखाई देती है। हमें लगता है कि हम सुन्दर नहीं या फिर हमारी स्पेसिफिक बॉडी नहीं है। ऐसी चीजों को सोचने के कारण हम अपने आप से प्यार नहीं कर पाते। इसका असर आपकी सेक्स लाइफ पर भी पड़ता है। बहुत सारे लोग इसका कनेक्शन समझ नहीं पाते हैं लेकिन अच्छी सेक्सुअल लाइफ के लिए खुद को स्वीकार करना बहुत जरूरी है। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि सेक्सुअल लाइफ बेहतर बनाने के लिए खुद को स्वीकार करना क्यों जरूरी है?
Sexual Life बेहतर बनाने के लिए खुद को स्वीकार करना क्यों जरूरी
कॉन्फिडेंस बिल्ड होता है
जब हम खुद को स्वीकार करते हैं तो इससे हमारे अंदर कॉन्फिडेंस बिल्ड होता है। इससे सामने वाला भी हमें नीचा नहीं दिखा पाता है। हम अपनी कमियों को भी स्वीकार करते हैं लेकिन अपनी अच्छाइयों को हाईलाइट करते हैं। हम खुद के साथ भी कंफर्टेबल होते हैं जिसके कारण हमारी सेक्स लाइफ भी बेहतर हो जाती है। वहीं पर जब हम अपने आप को स्वीकार नहीं करते और खुद के साथ कंफर्टेबल नहीं होते तो इसका असर बेड पर भी पड़ता हैं।
बॉडी इमेज खत्म होने लगते हैं
जब हम खुद को स्वीकार नहीं करते हैं तो हमें बॉडी इमेज इशू आने लग जाते हैं। हमें लगता है कि हम सुंदर नहीं है या फिर वजन बहुत ज्यादा है। इसके साथ ही हम खुद के साथ भी कंफर्टेबल नहीं होते हैं। हम हमेशा दूसरों के साथ अपनी तुलना करते रहते हैं। वहीं पर जब हम खुद को स्वीकार कर लेते हैं और कॉन्फिडेंस के साथ पार्टनर को मिलते हैं तो उन्हें भी हमारी अच्छाइयां ही दिखाई देती हैं।
नई चीजें एक्सप्लोर करते हैं
सेक्स के दौरान एक्सप्लोरेशन बहुत जरूरी है लेकिन जब हम खुद के साथ कंफर्टेबल नहीं होते हैं तो हम कुछ नया एक्सप्लोर ही नहीं कर पाते हैं। इसलिए हमें खुद को स्वीकार करना बहुत जरूरी है ताकि हम नया एक्सप्लोर कर पाए। इससे हम पार्टनर को भी आप बता सकते हैं कि हमें क्या अच्छा लगता है और क्या नहीं क्योंकि हमने बहुत सारी चीजें ट्राई की होती है। इसलिए खुद को स्वीकार करता बहुत जरूरी है।
प्लेजर बढ़ता है
सेक्स के दौरान प्लेजर बहुत जरूरी है लेकिन बहुत सारे लोगों इसे हासिल नहीं कर पाते हैं। इसका कारण यह है कि वे अपनी बॉडी के साथ कंफर्टेबल होते हैं। उनके अंदर झिझक होती है। वे पार्टनर के साथ बात करते हुए भी शर्मा जाते हैं। ऐसे में जब हम खुद आप को स्वीकार कर लेते हैं तो वल्नरेबल हो जाते हैं। हम पार्टनर के साथ हर तरीके की बातचीत करते हैं। इससे हमें अलग-अलग चीजों के बारे में पता चलता है और हम बहुत कुछ सीखते हैं। इस तरह प्लेजर भी बड़ता है।