जब हम ‘डोमेस्टिक वायलेंस’ या ‘घरेलु हिंसा’ जैसे शब्द सुनते हैं, हम तुरंत मान लेते हैं की एक क्रूर आदमी सहमी सी पत्नी को मारता है। हम ऐसा क्यों नहीं सोचते की पुरुष भी पीड़ित हो सकता है?ब्लॉग के जरिए पढ़िए किस तरह आदमी भी बन रहे हैं घरेलू हिंसा का शिकार
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