भारतीय समाज में माँ होना सिर्फ किरदार नहीं, एक ऐसा सांस्कृतिक आदर्श हैं- जिसमें त्याग, सहनशीलता और पूर्णता की उम्मीदें जुड़ीं होती हैं। माँ से हमेशा "अच्छी माँ" की आशा एक अदृश्य बोझ जो उन पर शारीरिक थकान के साथ भावनात्मक बोझ भी डाल देता हैं।
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