हम जिस समाज का हिस्सा हैं और जिस परिवार में हमें जन्म मिला है, हमारा पालन-पोषण होता है। यही परिवार और समाज हमारे जीवन में लैंगिक असमानता लेकर आता है। कोई भी लड़का या लड़की के लिए जन्म लेते ही यह डिसाइड नही हो जाता है कि वह क्या करेगा और क्या नही।
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