वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि LGBTQ+ समुदाय के सदस्य संयुक्त बैंक खाता खोल सकते हैं और अपने साथी को नामांकित कर सकते हैं। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है, जो LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों की पुष्टि करता है।
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