भारतीय समाज में बेटी के जन्म के साथ ही उसकी शादी की चिंता क्यों शुरू हो जाती है? क्या लड़कियों की पहचान सिर्फ एक पत्नी और बहू बनने तक सीमित है? इस मानसिकता पर गहराई से विचार करता यह लेख।
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