आज की व्यस्त दुनिया में, हम अक्सर खुद को पीछे छोड़ देते हैं। काम, रिश्ते, और दैनिक ज़िम्मेदारियां हमें इतना व्यस्त रखती हैं कि हम अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा कर बैठते हैं। यही वह जगह है जहाँ आत्म-देखभाल की अवधारणा आती है।
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