How Moms Can Prioritize Themselves And Love Their Kids: जब आप मां बन जाते हैं तो आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप अपनी खुशियों को त्याग कर हमेशा बच्चों को प्राथमिकता दें। ऐसा समझा जाता है की मां बनने के बाद आपकी जिंदगी में कोई भी खुशी डायरेक्ट नहीं आ सकती है बल्कि सिर्फ बच्चों के जरिए आ सकती है। बहुत सारी महिलाओं की मां बनने के बाद जिंदगी की खत्म हो जाती है क्योंकि उन्हें बताया ही नहीं जाता है कि कैसे मां बनने के बाद भी आप अपने आप को प्राथमिकता दे सकते हैं और अपनी खुशियों को प्राप्त कर सकते हैं। आज हम बात करेंगे कि कैसे मां बनना और खुद को प्राथमिकता देना एक साथ हो सकता है।
कैसे बच्चों को प्यार करना और खुद को प्राथमिकता देना एक साथ हो सकता है
सबसे पहले आपको इस बात को समझना होगा कि सेल्फ लव करना कभी भी सेल्फिश होना नहीं होता है। यह सेल्फ लव के बारे में सबसे बड़ी मिथ है और बहुत सारे लोग इस बात पर यकीन भी करते हैं। सेल्फ लव में हमेशा हम अपनी फिजिकल, इमोशनल और मेंटल वेल्बीइंग के ऊपर ध्यान देते हैं और यह ह्यूमन वर्किंग के लिए बहुत जरूरी है। इसके बिना आप किसी भी चीज में अपना 100% दे ही नहीं पाएंगे।
दूसरों से मदद मांगे
इसके साथ ही महिलाओं को मदद मांगना जरूर सीखना होगा। मां बनने के बाद हमेशा आपको यही सिखाया जाएगा कि कैसे आपको अकेले सब कुछ मैनेज करना है। अगर आपको मां बनने के बाद अपना करियर भी देखना है तब भी आपको खुद ही बच्चा संभालना पड़ेगा। ऐसे में दूसरों से मदद मांग कर आप बहुत सारी चीजों को आसान बना सकते हैं। मदद मांगने में कभी भी शर्म मत महसूस करें लेकिन आपके पास सही लोगों का होना भी बहुत जरूरी है।
पिता का रोल
जब बात बच्चों की आती है तो वे अकेले मां की जिम्मेदारी नहीं होते हैं। बच्चों की जिम्मेदारी पिता की भी होती है लेकिन पिता के ऊपर इतना जोर नहीं डाला जाता है। ऐसे में मदर को चाहिए कि बच्चे क्वालिटी टाइम फादर के भी साथ व्यतीत करें। एक बच्चे की जिंदगी में मां की जगह कोई भी नहीं ले सकता है लेकिन अगर फादर भी बच्चे की परवरिश में पूरा साथ देंगे तो मां की जर्नी भी आसान हो जाएगी। ऐसे में फादर को भी बच्चे की परवरिश में जरूर सपोर्ट करना चाहिए और उनके लिए एक खुला और आसान माहौल बनाना चाहिए।
फिक्स्ड रूटीन सेट करें
बच्चों के साथ एक फिक्स्ड रूटीन सेट करें और उस समय में बच्चों को पूरा समय दें। इस बीच किसी भी तरीके की कोई डिस्टरबेंस नहीं होनी चाहिए। यह समय आपका बच्चों के साथ ही होना चाहिए। ऐसा नहीं होता है कि बच्चों को पूरा दिन आपकी जरूरत होती है। आप एक दिन में कुछ समय के लिए बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते हैं। इस बात को जरूर निश्चित करें कि बच्चा आपके साथ खुलकर बातचीत करें। इसके साथ ही उसके आसपास का माहौल बिल्कुल कंफर्टेबल होना चाहिए जिसमें उन्हें बिल्कुल भी जज मत किया जाए। आप उनके साथ हर तरीके की बातचीत करें और उन्हें जरूरत के समय पर कभी भी अकेला मत छोड़े।