क्या किसी भी औरत के शदीशुदा होने की पहचान उसके सिन्दूर से होनी चाहिए ? क्या किसी भी औरत का उसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है ? क्या शादी के बाद अपने पति के नाम का सिन्दूर ही उसकी पहचान बन कर रह जाता है ? आज हम इन्ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे-
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