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मिलिए Reema Dube से जो कॉस्मेटिक्स की दुनिया में ला रही हैं बदलाव

जैसे कि आप सभी जानते हैं कि महिला दिवस आ रहा है। इस मौके पर रीमा दुबे ने ShethepeopleHindi की टीम के साथ बातचीत की और बताया कि कैसे उनका ब्रांड कन्वेंशनल ब्यूटी स्टैंडर्ड को तोड़ता है।

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Rajveer Kaur
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Interview

Reema Dube - Women Entrepreneur

Reema Dube Inspirational Story: जैसे कि आप सभी जानते हैं कि महिला दिवस आ रहा है। इस मौके पर ShethepeopleHindi की टीम ऐसी महिला को आपके साथ इंट्रोड्यूस करवा रही है जिन्होंने एक ऐसे ब्रांड को एस्टेब्लिश किया जो कन्वेंशनल ब्यूटी स्टैंडर्ड को तोड़ता है। उनके प्रोडक्ट वीगन और क्रुएलिटी फ्री हैं। चलिए जानते हैं चिपमंक ब्रांड की फाउंडर रीमा दुबे के बारे में जिन्होंने इस ब्रांड को एस्टेब्लिश किया। उन्होंने अपनी यूनीक सोच को दुनिया के सामने रखा और आज एक सफल वूमेन एंटरप्रेन्योर हैं।

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हमने रीमा दुबे जी के साथ बातचीत की और उनकी जीवन के बारे में जाना- आइये जानते हैं उनके साथ हुए सवाल-जवाब के मुख्य अंश

Reema Dube Interview 

आप अपनी अब तक की जर्नी के बारे में हमारे साथ शेयर कीजिए

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रीमा जी अपनी जर्नी के बारे में बताती हैं कि वह कॉस्मेटोलॉजिस्ट और "चिपमंक" की फाउंडर हैं। यह भारत का पहला जेंटल और प्रीवेंटिव केयर ब्रांड है। यह एक ऐसा ब्रांड है जो स्किन की हेल्थ को ज्यादा प्राथमिकता देता है बजाय इसके कि स्किन का रंग या टेक्सचर कैसा है। करियर के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनका बचपन से ही इसमें Cosmetic के फील्ड में इंटरेस्ट है। छोटी उम्र से ही उन्हें ये सवाल आकर्षित करते थे कि फॉर्मूलेशन कैसे बनाए जाते हैं, कॉस्मेटिक में इंग्रेडिएंट्स कैसे बनते हैं और स्किन पर इनका क्या इंपैक्ट होता है। इस इंटरेस्ट के कारण उन्होंने इस पैशन को करियर में बदलने के बारे में सोचा।

वह बताती हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई भी इस प्रोफेशन से संबंधित ही की है। उन्होंने कॉस्मेटिक टेक्नोलॉजी में B.Tech की डिग्री हासिल की जिसमें वह गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इसके बाद उन्होंने M.Tech की पढ़ाई भी इसी फील्ड में की है। इंडस्ट्री एक्सपीरियंस में वह अपने अनुभव के बारे में बात करती हैं कि उन्होंने Unilever और Aishland में काम कर चुकी हैं जहां पर उन्होंने बड़े ब्रांड के इन्नोवेटिव प्रोजेक्ट्स में काम किया और नोटिस किया कि कैसे कन्वेंशनल मेकअप प्रोडक्ट्स में गैप्स हैं, जिससे उन्होंने खुद का ब्रांड स्टार्ट करने के बारे में सोचा।

आपके प्रोडक्ट वीगन और क्रुएलिटी फ्री हैं, इसके साथ ही Gen Z को टारगेट करते हैं, इसके बारे में बताएं

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हमने उनसे पूछा कि आपके ब्रांड का नाम काफी यूनिक है तब उन्होंने बताया कि चिपमंक एक डेलिकेट क्रिएचर है जो फॉरेस्ट में रहता है। यह काफी केयरिंग होता है। इस वजह से उन्होंने इस नाम को select किया। इनका ब्रांड भी काफी जेंटल और केयरिंग,  PETA सर्टिफाइड, वीगन और क्रुएलिटी फ्री है। इनके ब्रांड के प्रोडक्ट में जो इनग्रेडिएंट इस्तेमाल होते हैं उनमें भी एनिमल से लिए गए इंग्रेडिएंट्स का इस्तेमाल नहीं होता है। प्रोडक्ट की टेस्टिंग भी एनिमल्स पर नहीं होती है। इसलिए उन्होंने सोचा क्यों ना हम अपने ब्रांड का नाम चिपमंक रखें जो हमारे इस विजन को शो करता है।

जब हमने उनसे पूछा कि आपके प्रोडक्ट Gen Z टारगेटेड हैं तो उसके जवाब में वह बताती हैं कि उनका ब्रांड टारगेट ही Gen Z को करता हैं। हमारी पैकेजिंग इतनी वाइब्रेंट और यूथफुल होती है कि वे इससे अट्रैक्ट होते हैं और packaging में भी कलर्स भी डार्क ही यूज करते हैं।

Women Entrepreneur के क्या स्ट्रगल हैं? भारत जैसे देश में महिला एंटरप्रेन्योर होना कितना कठिन है?

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वूमेन एंटरप्रेन्योर के रूप में स्ट्रगल्स के बारे में बताते हुए रीमा रहती है कि वाकई में महिला उद्योगपति को काफी समस्याएं आती हैं जैसे मैन्युफैक्चरिंग और पैकेजिंग में महिलाओं की रिप्रेजेंटेशन बहुत कम है। महिला जब सामने वाले ब्रांड मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चैन से बात करती है तो उनके अंदर वूमेन लेड बिजनेस को लेकर एक अनिश्चितता रहती है जो एक समस्या है। महिलाओं को ज्यादा सीरियस नहीं लिया जाता है।

आपने ब्रांड के लिए डार्क स्किन मॉडल्स को  लिया जोकि ब्यूटी स्टैंडर्ड्स को तोड़ता है। इसके पीछे किन चीजों ने आपको प्रेरित किया?

उनके ब्रांड में डार्क स्किन मॉडल को लिया जाता है इस पर रीमा का कहना हैं कि कोई भी स्किन कलर अच्छा या बुरा नहीं होता है। उनके ब्रांड और खुद की कोर वैल्यूज में स्किन कलर मैटर नहीं करता है। स्किन की टोन से ज्यादा उसकी हेल्थ मैटर करती है। वह यह भी बताती हैं कि अपने आसपास में उन्होंने देखा था कि  कैसे डार्क स्किन कलर के लिए उनका मजाक बनाया जाता था। इसलिए उन्होंने अपने ब्रांड में इस चीज को लाने के लिए सोचा। इस सोच को बदलने के लिए वह कहती हैं कि ब्रांड्स को इसके बारे में बात करनी होगी। उन्हें अपनी प्रोडक्ट्स या फिर अपनी वैल्यूज में इस चीज को रिफ्लेक्ट भी करना पड़ेगा कि कोई भी स्किन कलर अच्छा या बुरा नहीं होता है।

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Women's Day पर महिलाओं के लिए क्या संदेश हैं?

महिला दिवस पर रीमा जी कहना चाहती हैं कि "मैं पूरे जोश से महिलाओं के नेतृत्व वाले बिजनेस के प्रति सामाजिक धारणाओं में गहन परिवर्तन की वकालत करती हूं, खासकर जब हम इंटरनेशनल वुमन'स डे के करीब आते हैं। वूमेन एंटरप्रेन्योर को अनगिनत चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें प्रणालीगत पूर्वाग्रहों से लेकर वेंडर्स और स्टेकहोल्डर्स के साथ उनकी बातचीत को गंभीरता से नहीं लिए जाने के सूक्ष्म लेकिन व्यापक मुद्दे शामिल हैं। एक महिला फाउंडर के रूप में, मैंने व्यक्तिगत रूप से केवल मेरे जेंडर के आधार पर मेरी क्षमताओं को कम आंकने की निराशा का अनुभव किया है।

हालाँकि, यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि महिला फाउंडर न केवल रेसिलियंट हैं, बल्कि असाधारण रूप से सक्षम और दृढ़ भी हैं। कई बाधाओं का सामना करने के बावजूद, हम उम्मीदों पर खरा उतर रहे हैं और अपने बिजनेस में उल्लेखनीय सफलता हासिल कर रहे हैं।  जैसा कि मिशेल ओबामा ने प्रसिद्ध रूप से कहा था, 'महिला होने के नाते हम जो हासिल कर सकते हैं उसकी कोई सीमा नहीं है।' यह भावना उस सार को समाहित करती है जिसके लिए हम प्रयास करते हैं - कांच की छत को तोड़ना और एक ऐसी दुनिया बनाना जहां महिलाओं को न केवल शामिल किया जाए बल्कि उनके योगदान के लिए उनका जश्न मनाया जाए।

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इस महिला दिवस पर, मेरी दिल से आशा है कि समाज एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत मानसिकता अपनाए, जो बिजनेस और उससे परे सभी पहलुओं में महिलाओं को महत्व दे और सशक्त बनाए। आइये सामूहिक रूप से एक ऐसे भविष्य के निर्माण की दिशा में काम करें जहां लिंग सफलता के लिए बाधा नहीं है, बल्कि ताकत और विविधता का स्रोत है।"

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