Significance of Karwa Chauth : हमारे देश में करवा चौथ का व्रत तक़रीबन हर एक महिला रखती है। आज कल तो यह सिर्फ़ औरतों का त्यौहार नहीं रह गया है। पति-पत्नी मिलकर यह व्रत रखते हैं और फिर रात को चाँद की पूजा करने के बाद एकसाथ पानी पीते हैं और एक साथ ही ख़ाना खाते हैं। आइए जानते हैं कि पुरातन समय से मॉडर्न समय तक इस व्रत का क्या महत्व रहा है हमारे जीवन में।
जानें करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का इतिहास
माना जाता है कि करवा चौथ का पहला व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था और उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी।महाभारत में भी भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को अर्जुन के युद्ध पर जाने से पहले यह व्रत रखने के लिए प्रेरित किया था। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, श्री गणेश, श्री कार्तिक और चाँद की पूजा की जाती है।
गृहस्थ जीवन में महत्व
करवा चौथ भारतीय नारी के अपने पति के प्रति असीम प्यार और कमिटमेंट को दर्शाता है। सदियों से यह माना जाता है कि इस व्रत को रखने से स्त्री के पति के जीवन में धन- स्मृद्धि आती है और पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखा जाता है।
व्रत रखने के हमारे शरीर को फ़ायदे
आज कल इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के चलन में हम करवा चौथ के फ़ायदे कैसे नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। व्रत रखने से हमारे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा का बैलेंस मेंटेन रहता है, पाचन शक्ति अच्छी होती है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को भी अच्छा करता है। पूरा दिन भूखे पेट रहने से हमारी बॉडी डीटॉक्स और हमारा वेट भी लॉस होता है।
मानसिक फ़ायदे
आज की साइंस ने भी यह माना है कि व्रत रखने से हमारे दिमाग़ की कंसंट्रेशन अच्छी होती है और मैंटल फोकस भी इम्प्रूव होता है। औरतो और इससे हमारे मूड स्विंग भी अच्छे होते हैं, टेंशन और ग़ुस्सा कम होते हैं।
इण्डियन कल्चर में करवा चौथ के व्रत को सबसे ख़ास व्रत माना जाता है। ऐसे और भी बहुत सारे व्रत भी हैं जो भारतीय नारियाँ पूरा साल श्रद्धा भाव से रखतीं हैं लेकिन करवा चौथ का उत्साह सुहागनों में अलग ही होता है।इसी के साथ आप करवा चौथ की थाली सजाना ना भूलें। हैप्पी करवा चौथ!