Pre-30 Health Checklist: 10 Essential Tests for Women : क्या आप जानती हैं "इलाज से बचाव बेहतर है" कहावत का असली अर्थ? यह सिर्फ एक कहावत नहीं बल्कि एक ऐसा सिद्धांत है जो आपके पूरे जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बना सकता है। 20 और 30 की उम्र वह सुनहरा वक्त होता है जब आप अपने करियर की ऊंचाइयों को छूने की जद्दोजेह में रहती हैं। लेकिन इस भागदौड़ में कहीं न कहीं अपनी सेहत को नज़रअंदाज कर देती हैं। यही वो वक्त होता है जब आप अपने शरीर को सुनें और ज़रूरी टेस्ट कराकर भविष्य में होने वाली बड़ी बीमारियों से बचाव कर सकती हैं।
आज का यह ब्लॉग खासतौर पर उन महिलाओं के लिए है जो अपने 30वें जन्मदिन से पहले एक स्वस्थ और निरोगी ज़िंदगी की नींव रखना चाहती हैं। आइए जानें उन 10 ज़रूरी टेस्टों के बारे में जिनको कराना आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। ये टेस्ट न सिर्फ बीमारियों का शुरुआती पता लगाने में मददगार होंगे बल्कि आपको मानसिक शान्ति भी देंगे।
30 साल की उम्र से पहले कराने वाले 10 जरूरी टेस्ट
1. एचपीवी टेस्ट (HPV Test)
ह्यूमन पैपिलोमावायरस टेस्ट अक्सर पैप टेस्ट के साथ ही किया जाता है। दोनों का उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर के संकेतों का पता लगाना होता है और आप 25 साल की उम्र से एक बार इसे कराना शुरू कर सकती हैं। 25 साल की उम्र पार करने के बाद हर 5 साल में एचपीवी टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।
2. एसटी़डी टेस्ट (STD Test)
यह एक महत्वपूर्ण टेस्ट है जिसे आपको यौन सक्रिय होते ही कराना शुरू कर देना चाहिए, खासकर यदि आपके कई यौन साथी हों या आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हों जिसका पहले कई पार्टनर रह चुके हों। एसटी़डी अक्सर बिना किसी लक्षण के हो सकती हैं, जिससे आप अनजाने में इसे अपने साथी तक पहुंचा सकती हैं।
3. मधुमेह जांच (Diabetes Screening)
आमतौर पर, यह टेस्ट 35 साल की उम्र में कराने की सलाह दी जाती है। हालांकि, अगर आप मोटापा, परिवार में मधुमेह का इतिहास या उच्च रक्तचाप जैसे जोखिम कारकों से ग्रस्त हैं, तो आपको यह टेस्ट बहुत पहले करा लेना चाहिए और बार-बार जांच कराते रहना चाहिए।
4. मैमोग्राम (Mammogram)
मधुमेह की तरह, जिन महिलाओं के परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास रहा है, उन्हें जल्द से जल्द इसका पता लगाने के लिए कम उम्र में ही मैमोग्राम करवा लेना चाहिए।
5. त्वचा परीक्षा (Skin Exam)
सनस्क्रीन चाहे कितनी भी कमाल की क्यों न हों, वे सौ प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी नहीं देती हैं। इसलिए अगर आपको अपने शरीर पर कोई नया तिल या रंग में बदलाव नजर आए तो त्वचा विशेषज्ञ से जरूर जांच कराएं। यह तब और भी जरूरी हो जाता है जब आपकी डेली रूटीन में आपको बहुत धूप लगती हो या आपका रंग गोरा हो।
6. कोलेस्ट्रॉल जांच (Cholesterol Screening)
अगर आपमें मधुमेह, परिवार में उच्च कोलेस्ट्रॉल का इतिहास, नियमित रूप से सिगरेट पीना आदि जैसे जोखिम कारक हैं, तो आपको 20 साल की उम्र से ही कोलेस्ट्रॉल की जांच शुरू कर देनी चाहिए।
7. फेफड़ों के कैंसर की जांच (Lung Cancer Screening)
यह टेस्ट न केवल धूम्रपान करने वालों के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी जरूरी है जिन्होंने धूम्रपान छोड़ दिया हो लेकिन उनका सिगरेट पीने का इतिहास रहा हो।
8. हड्डियों का घनत्व परीक्षण (Bone Density Test)
उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे उन्हें फ्रैक्चर होने का खतरा ज्यादा रहता है। यह खतरा खासकर उन महिलाओं के लिए ज्यादा होता है जिनके खानपान में पोषण की कमी होती है, शरीर का वजन कम है, धूम्रपान का इतिहास रहा है आदि।
9. श्रवण परीक्षण (Hearing Test)
यह सलाह दी जाती है कि आप 50 साल की उम्र तक पहुंचने तक हर 10 साल में एक बार श्रवण परीक्षण कराएं, उसके बाद हर साल कराएं।
10. आंखों की जांच (Eye Exam)
आम दिशानिर्देशों के अनुसार, आपको 18 साल की उम्र में एक बार बेसलाइन आंखों की जांच करानी चाहिए और फिर 60 साल की उम्र तक हर दो साल में नियमित रूप से फॉलो-अप के लिए जाना चाहिए।