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भारतीय इतिहास की इन 3 शक्तिशाली महिला नेताओं को आप नहीं जानते होंगे

भारतीय इतिहास में अशोका, अकबर, टीपू सुल्तान और शिवाजी महाराज जैसे कई लीडर्स देखने को मिलते हैं, जिन्होंने इंडिया की सोशल, कल्चरल और पोलिटिकल लैंडस्केप में अपना भरपूर योगदान दिया है। लेकिन क्या औरतों का इस देश में कोई कंट्रीब्यूशन नहीं था? बिलकुल था।

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Mandie Panesar
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3 Powerful Female Leaders Of Indian History You Did Not Know (Image Credit: Pinterest)

3 Powerful Female Leaders Of Indian History You Did Not Know: भारतीय इतिहास में अशोका, अकबर, टीपू सुल्तान और शिवाजी महाराज जैसे कई लीडर्स देखने को मिलते हैं, जिन्होंने इंडिया की सोशल, कल्चरल और पोलिटिकल लैंडस्केप में अपना भरपूर योगदान दिया है। लेकिन क्या औरतों का इस देश में कोई कंट्रीब्यूशन नहीं था? बिलकुल था। 

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भारतीय इतिहास की इन 3 शक्तिशाली महिला नेताओं को आप नहीं जानते होंगे।

आज हम भारतीय इतिहास की उन महिलाओं के बारे में बात करेंगे, जिनके बारे में आज तक बहुत कम बात की गयी है और उनके सैक्रिफाइस और कामों को इतना रिकग्निशन नहीं मिला है और इसे अंडररेटेड रखा गया है। 

1. रानी दुर्गावती

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रानी दुर्गावती का जनम 1524 में हुआ था और ये गोंडवाना किंगडम की 16वी सदी के दौरान काफी बहादुर और डेटर्मीनेड रानी थी। अपने पति की मौत के बाद उन्होंने अपने राज को अकबर बादशाह से बचा कर रखा था। 1564 में Narai Battle में हार जाने के बाद उन्होंने अपने-आप को दुश्मन के हवाले करने की बजाय समाधि (सेल्फ-इम्मोलेशन)में लीन कर लिया था। उनका यह सैक्रिफाइस आज भी लोगों, खासकर औरतों के लिए काफी इंस्पिरेशनल है। उनकी ज़िंदगी और विरासत 'रानी दुर्गावती मिउजिअम, जबलपुर' के साथ-साथ आज भी कई मेमोरिअल्स और मोनुमेंट्स में मौजूद है। 

2. रानी अब्बाक्का चौता

अब्बाक्का महादेवी के नाम से जाने जानी वाली रानी अब्बाक्का चौता मंगलोर के उल्लाला की पहली रानी थी। वे 16वीं सदी में अपने रेमार्केबल वीरता और दलेरी के लिए जानी जाती थी। रानी अब्बाक्का को पोर्चुगीज़ कोलोनियल पावर के विरुद्ध तेज़ रेजिस्टेंस के लिए जाना जाता है। यह पोर्चुगीज वॉयसरॉय 'Joao de Monseratte' के रूलिंग समय के दौरान था। कर्नाटका के कोस्टल रीजन के साथ-साथ रानी अब्बाक्का की विरासत लोगों को लगातार इंस्पायर करती आई है। कर्नाटका में उनकी करेज और डेटर्मिनेशन को आज भी याद किया जाता है। 

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3. रानी चेन्नम्मा

चेन्नम्मा कर्नाटका के कित्तूर की रानी थी। अक्टूबर 23, 1778 को जन्मी चेन्नम्मा एक बहादुर फ्रीडम फाइटर थी, जिन्होंने 19वीं सदी में ब्रिटिश कोलोनियल सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। 1824 में जब ब्रिटिशर्स ने एक पुराने एग्रीमेंट को तोड़कर कित्तूर पर कब्ज़ा कर लिया था, तब उन्होंने अंग्रेज़ों के खिलाफ़ एक आर्म्ड फाॅर्स को लीड किया था। उनकी अपनी स्टेट की आज़ादी के लिए ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ़ लड़ाई छेड़ना इंडियन हिस्ट्री में काफी सिग्नीफिकेंट चैप्टर की तरह है। आज उन्हें ब्रिटिश कोलोनियल सिस्टम के खिलाफ़ लड़ने वाली महिला इंडियन रूलर की तरह याद किया जाता है। 

ये थी इंडियन हिस्ट्री की कुछ पावरफुल, कॉरेजियस और डेटर्मीनेड फीमेल लीडर्स की कहानी। इनके इलावा और भी बहुत सारी महिलाएं हमारी हिस्ट्री में हैं, जिन्होंने देश की आज़ादी में एक खास रोल प्ले किया है और उन्हें भी रिकग्निशन और रिस्पेक्ट का पूरा अधिकार है। 

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