Sex FAQs: आपको क्लिटोरल और वजाइनल ओर्गैज़्म में फर्क पता है? यह समझें

क्लिटोरल और वजाइनल ओर्गैज़्म में क्या फर्क है? क्या सभी महिलाओं को वजाइनल ओर्गैज़्म मिलता है? जानिए इन दोनों के बीच का अंतर, उनका अनुभव और कैसे आप अपने प्लेजर को बेहतर बना सकती हैं।

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Vaishali Garg
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Sex FAQs: महिलाओं की सेक्शुअल प्लेजर से जुड़ी कई बातें अब भी बहुत सी महिलाओं और पुरुषों के लिए मिस्ट्री बनी हुई हैं। खासकर जब बात ओर्गैज़्म की आती है, तो क्लिटोरल और वजाइनल ओर्गैज़्म के बीच का फर्क कई लोगों को ठीक से समझ नहीं आता। अक्सर इसे एक ही चीज़ मान लिया जाता है, लेकिन वास्तव में ये दोनों अलग होते हैं और हर महिला का अनुभव भी अलग हो सकता है। अगर आप भी इस कन्फ्यूज़न में हैं, तो आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

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क्या होता है क्लिटोरल ओर्गैज़्म?

क्लिटोरल ओर्गैज़्म तब होता है जब क्लिटोरिस को सही तरीके से स्टिम्युलेट किया जाता है। क्लिटोरिस महिलाओं के जननांग (genital area) का सबसे सेंसिटिव हिस्सा होता है, जिसमें हजारों नर्व एंडिंग्स होती हैं। जब इसे सही तरीके से उत्तेजित किया जाता है, तो महिलाओं को तेज़ और तीव्र सुख की अनुभूति होती है, जिसे क्लिटोरल ओर्गैज़्म कहते हैं।

यह सबसे कॉमन ओर्गैज़्म माना जाता है क्योंकि अधिकतर महिलाएं केवल क्लिटोरल स्टिमुलेशन से ही चरम सुख (orgasm) तक पहुंच पाती हैं। इसके लिए फिज़िकल टच, हाथों से या सेक्स टॉयज़ का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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क्या होता है वजाइनल ओर्गैज़्म?

वजाइनल ओर्गैज़्म तब होता है जब योनि (vagina) के अंदर G-spot या अन्य संवेदनशील हिस्सों को स्टिम्युलेट किया जाता है। यह ओर्गैज़्म थोड़ा गहरा और धीमा महसूस हो सकता है, लेकिन कई महिलाओं के लिए यह अधिक संतोषजनक भी हो सकता है।

हालांकि, रिसर्च बताती हैं कि बहुत कम महिलाओं को केवल वजाइनल इंटरकोर्स से ओर्गैज़्म मिलता है। इसलिए, अक्सर वजाइनल और क्लिटोरल स्टिमुलेशन को मिलाकर सेक्सुअल प्लेजर को बढ़ाया जाता है।

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दोनों में क्या अंतर है?

  • क्लिटोरल ओर्गैज़्म जल्दी होता है, जबकि वजाइनल ओर्गैज़्म के लिए थोड़ा ज्यादा समय और सही स्टिमुलेशन की जरूरत होती है।
  • क्लिटोरल ओर्गैज़्म में बाहरी स्टिमुलेशन (external stimulation) शामिल होता है, जबकि वजाइनल ओर्गैज़्म अंदरूनी (internal) होता है।
  • कई महिलाएं दोनों का अनुभव कर सकती हैं, लेकिन क्लिटोरल ओर्गैज़्म अधिक आम है।
  • वजाइनल ओर्गैज़्म कई बार इमोशनल और मेंटल कनेक्शन पर भी निर्भर करता है।

क्या दोनों एक साथ संभव हैं?

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जी हां! कई महिलाएं दोनों तरह के ओर्गैज़्म को एक साथ अनुभव कर सकती हैं। इसे मिक्स्ड ओर्गैज़्म कहा जाता है, जहां क्लिटोरल और वजाइनल स्टिमुलेशन एक साथ होता है, जिससे प्लेजर का लेवल कई गुना बढ़ जाता है।

क्या करें अगर आपको ओर्गैज़्म हासिल करने में दिक्कत होती है?

अगर आपको ओर्गैज़्म महसूस करने में दिक्कत होती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। हर महिला का शरीर अलग होता है, और यह जरूरी नहीं कि सभी को एक ही तरीके से प्लेजर मिले।

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  • अपने शरीर को एक्सप्लोर करें और समझें कि आपको क्या पसंद आता है।
  • पार्टनर के साथ खुलकर बातचीत करें और अपनी जरूरतें बताएं।
  • सेक्स थेरेपिस्ट या एक्सपर्ट से सलाह लेने में झिझक महसूस न करें।

क्लिटोरल और वजाइनल ओर्गैज़्म दोनों ही अलग-अलग अनुभव होते हैं, और हर महिला के लिए यह अलग हो सकता है। जरूरी यह है कि महिलाएं अपने शरीर को समझें, अपनी प्लेजर को एक्सप्लोर करें और इस पर खुलकर बात करें। सेक्सुअल हेल्थ को लेकर खुलापन न सिर्फ शारीरिक संतुष्टि के लिए जरूरी है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक सेहत के लिए भी फायदेमंद है।

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