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क्या आप भी 'राजा बेटा' के साथ डील कर रहे हैं?

"राजा बेटा" सिंड्रोम हमारी भारतीय महिलाओं की अपने बेटों में गलती ना देखने की अयोग्यता है लेकिन अपने बेटे को राजा बेटा बनाने में प्रॉब्लम ही क्या है। देखिए अपने बच्चों को प्यार करने में कुछ भी बुराई नहीं है।

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Rajveer Kaur
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How Do We Identify If We Are Dealing With An Indian RAJA BETA: "राजा बेटा" सिंड्रोम हमारी भारतीय महिलाओं की अपने बेटों में गलती ना देखने की अयोग्यता है लेकिन अपने बेटे को राजा बेटा बनाने में प्रॉब्लम ही क्या है। देखिए अपने बच्चों को प्यार करने में कुछ भी बुराई नहीं है। राजा बेटा की आड़ में हम गैर जिम्मेदार बेटे बड़े करते हैं जिन्हें हम कुछ भी करने की छूट देते हैं। कुछ मदर्स को ऐसा लगता है, उनका बेटा परफेक्ट और निर्दोष है और अगर उसने कोई गलती भी की होगी तो उसमें दूसरे व्यक्ति ने ही उसे ऐसा करने के लिए इनफ्लुएंस किया होगा या फिर उसने ही मेरे बेटे को बिगाड़ा होगा।

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क्या आप भी 'राजा बेटा' के साथ डील कर रहे हैं?

रत्ना पाठक ने एक बार कहा था कि, "हम अपने बेटों को बुरा व्यवहार करने की छूट देते हैं। यह किस तरीके का प्यार है"। मदर का ऐसा व्यवहार अपनी बेटियों के प्रति कम ही देखने को मिलता है। अगर सच में कहें तो हमें ऐसे व्यवहार की जरूरत भी नहीं है। ऐसे पुरुषों की बची हुई परवरिश और ग्रोथ महिलाओं को करनी पड़ती है। ऐसे में बहुत सारी प्रॉब्लम्स का भी सामना करना पड़ता है जैसे लड़का कभी भी अपनी फीमेल पार्टनर को बराबरी का दर्जा नहीं देता है। 31% महिलाएं अपने पति से किसी भी तरीके का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सेक्सुअल शोषण का शिकार होती हैं। रिसर्च में पाया गया है कि पुरुष ऐसा व्यवहार इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वह ऐसा कर सकते हैं। उनके पास पावर है और ऐसा करने में कोई समस्या भी नहीं है और इस शोषण को रिपोर्ट भी नहीं किया जाएगा। अपने बेटे को इतना ज्यादा प्यार करने का पॉइंट क्या है?

इन 4 लक्षणों से पहचानें "राजा बेटा"

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  1. ऐसे लड़कों ने हमेशा ही अपनी मां को अपने लिए बलिदान करते हुए देखा है और उन्होंने हमेशा अपनी खुशी को छोड़कर इन्हें प्राथमिकता दी है। रिलेशनशिप में ऐसे लड़के आपसे यह अपेक्षा रखते हैं कि आप अपना सब कुछ जैसे दोस्त, करियर और फैमिली  छोड़कर इनको प्रायरिटी पर रखें। वे आपको अपनी जिंदगी का हिस्सा बनना चाहते हैं लेकिन आपकी बनाई हुई जिंदगी की वैल्यू नहीं करते हैं।
  2. ऐसे लड़के सोचते हैं कि यह हमेशा सही ही होते हैं। उनकी मदर ने उनके हर काम को हमेशा ही वैलिडेट किया है चाहे वो कुछ गलत भी कर रहे हैं लेकिन उनके आस-पास के लोग हमेशा ही उन्हें ही सही कहते हैं। वह लड़के हैं, इसलिए कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे लड़के हमेशा यही सोचते हैं कि वह सही हैं लेकिन रिलेशनशिप में इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। जब वह आपको यह बताते हैं कि आपको क्या पहनना चाहिए, किस तरह का काम करना चाहिए और किससे मिलना चाहिए।
  3. यह हमेशा आपसे चाहते हैं कि आप उनकी केयर करें। रिलेशनशिप में हर व्यक्ति प्यार और केयर चाहता है लेकिन ऐसे लड़के अपनी गर्लफ्रेंड और पत्नी से यही आशा करते हैं कि वह उन्हें मदर की तरह ट्रीट करें। उनकी हर छोटी से छोटी चीज का ध्यान रखें और उनकी हर जरूरत को पूरा करें लेकिन जब आपको उनकी जरूरत होती है तो वह आपको ऐसा महसूस नहीं करवाते हैं। जब आप बीमार हो जाते हैं तब भी आपसे ही आशा की जाती है कि आप ही सब काम करें क्योंकि घर का काम तो औरतों की जिम्मेदारी होती है।
  4. अपने एक्शंस की जिम्मेदारी फीमेल पार्टनर पर डाल देते हैं। वह अगर गलत भी कर रहे हैं लेकिन उनके अनुसार इसकी वजह फीमेल पार्टनर ही है। अगर उन्होंने अपनी पत्नी को मारा है तो पत्नी ने ही उनके साथ कुछ गलत किया होगा। अगर उनका एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है तो पत्नी उन्हें सेक्सुअल सेटिस्फाई नहीं कर रही होगी।

मां का अपने बच्चों को प्यार करना एक अलग चीज है लेकिन उनके हर एक एक्शन को जस्टिफाई करना और सिर्फ उनके जेंडर के कारण उनकी हाँ में हाँ मिलाना बिल्कुल भी सही नहीं है। इससे आप जेंडर गैप को और बढ़ावा दे रहे हैं और महिलाओं के लिए मुश्किल स्थिति को पैदा कर रहे हैं।

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