Know About The Bitter Truth About PMS : प्रीमेनस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) एक महिलाओं की स्वाभाविक रूप से होने वाली शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों का समूह है जो एक पीरियड्स के पहले हफ्ते या दिनों में दिखाई देता है। पीएमएस महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है।
पीएमएस के बारे में कड़वा सच क्या है
पीएमएस कब शुरू होता है?
पीएमएस महिलाओं को पीरियड्स के दौरान आते हैं। पीएमएस (प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम) महिलाओं में पीरियड्स के पहले सप्ताह से पहले दिनों में होने वाली एक समस्या है।
पीएमएस के मानसिक, शारीरिक और इमोशनल प्रभाव क्या हैं?
मानसिक, शारीरिक और इमोशनल प्रभाव होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
1. मानसिक प्रभाव
महिलाओं को आमतौर पर चिंता, थकान, अवसाद, तनाव, चिढ़ापन, मनोरोग और चिंताओं का अनुभव होता है। वे एग्रेसिव, अनोक्सिया, चिड़चिड़ापन और गुस्से के लक्षण भी दिखा सकती हैं। ध्यान और मनोयोग की क्षमता में कमी, नींद की बाधाएं और मानसिक तानाव की समस्याएं भी हो सकती हैं।
2. शारीरिक प्रभाव
पीएमएस के दौरान महिलाओं में शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं। इसमें पेट में दर्द, सिरदर्द, सीने में दर्द, सूजन, मसल्स में दर्द, पैरों में सूजन और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में थकान शामिल हो सकती है।
3. इमोशनल प्रभाव
पीएमएस के दौरान महिलाओं को अधिक सनसिटी, भावुकता, अवसाद, आंसूओं का बहाव, आता है। पीएमएस के दौरान वे बहुत ज्यादा भावुक और इमोशनल हो जाती है।
पीएमएस के गंभीर लक्षण क्या हैं?
पीएमएस (पार्किंसन रोग) के गंभीर लक्षण व्यक्ति के शरीर में होने वाले नरव इंफेक्शन के कारण होते हैं। यह लक्षण सभी को एक बराबर होते हैं। निम्नलिखित गंभीर पीएमएस के लक्षण हो सकते हैं:
- नरव मोटिलिटी डिक्रीज होता है
- गम्भीरता की कमी
पीएमएस क्यों होता है?
प्रीमेनस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) एक महिलाओं की स्वाभाविक रूप से होने वाली शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों का समूह है जो एक पीरियड्स के पहले हफ्ते या दिनों में दिखाई देता है। महिलाओं में हार्मोन स्तर में परिवर्तन के कारण अनुमानित किया जाता है। पीरियड्स के शुरुआती दिनों में एस्ट्रोजन और प्रोगेस्टेरोन नामक हार्मोनों में बदलाव होता है, जिसके कारण शारीरिक और साइकोलॉजिकल प्रतिक्रियाएं होती हैं।
पीएमएस कैसे मैनेज कर सकते हैं?
पीएमएस (प्रीमेनस्ट्रूअल सिंड्रोम) बीमारी को संभालने के लिए कुछ टिप्स काम में लेने में मदद मिल सकती है:
- व्यायाम
- आहार
- स्नान
- ध्यान
बेहतर पीरियड्स से पहले के स्वास्थ्य के लिए नींद कितनी महत्वपूर्ण है?
नींद बेहद महत्वपूर्ण है जब आप पीरियड्स से पहले के स्वास्थ्य की बात करते हैं। नींद का महत्व उम्र, लाइफस्टाइल और अन्य तत्वों पर निर्भर करता है, लेकिन इसका एक स्वास्थ के लिए अधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो आपके पीरियड्स के पहले दिनों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है।
पर्याप्त नींद लेना आपके शरीर के सिस्टम को स्थिरता प्रदान करने में मदद करता है। यह आपके हार्मोन लेवल्स, मस्तिष्क की कार्य, और मूड पर गहरा प्रभाव डालता है। पीरियड्स से पहले के समय में, महिलाओं के शरीर में प्रोगेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन्स के स्तर में परिवर्तन होते हैं जो मूड पर प्रभाव डाल सकते हैं। यदि आपको नींद की कमी होती है, तो आपका मूड नीचा हो सकता है और आप मानसिक तनाव, चिंता या चिड़चिड़ापन का सामना कर सकती हैं।