The Shocking Link Between Nuclear Family And Depression : आज के युग में बच्चे से लेकर बड़े-बड़े तक को डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है। यह एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो सभी को होता है। डिप्रेशन से बाहर निकलना आसान नहीं होता इसके लिए लोगों को आज से उपाय करने पड़ते हैं। भारत और अन्य देशों में डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है। डिप्रेशन अधिकतर न्यूक्लियर फैमिली के सदस्यों में ज्यादातर देखने को मिलता है क्योंकि वहां पर ज्यादा लोग नहीं होते हैं। तो आइए जानें न्यूक्लियर फैमिली और डिप्रेशन के बीच अनसुनी शॉकिंग लिंक के बारे में।
डिप्रेशन क्या होता है
डिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति को उदासी, निराशा, तनाव, और सामान्य समस्याएं आती है। यह एक आम समस्या है और यह किसी भी व्यक्ति या बच्चे को प्रभावित कर सकता है।
डिप्रेशन कई कारणों से हो सकते है, जैसे कि जीवन में अधिक तनाव, विचारों और भावनाओं को बैलेंस न होना, और बाहरी परिस्थितियों के साथ स्ट्रैंथ कम होना के कारण होता है।
भारत में डिप्रेशन के अधिक मामले क्यों सामने आ रहे हैं
पूरी दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। भारत के साथ-साथ हर एक देश में इस समस्या से लोग परेशान रहते हैं। मगर भारत में इस परेशानी को लेकर सभी लोग ज्यादा कंसर्न रहते हैं। भारत में इस मामले में ज्यादा कंसर्न होने के दो कराण है।
पहला कारण यह है कि पहले लोगों के पास मानसिक चुनौतियाँ थीं, लेकिन कोई रास्ता नहीं था, पर्याप्त जागरूकता नहीं थी। लोगों ने कभी इसके बारे में बात नहीं की। लेकिन आज हमारे पास पर्याप्त जागरूकता है। हमारे पास एक मंच है जहां लोग व्यक्त कर रहे हैं कि उनके साथ क्या हो रहा है। हमारे लाइफ के जर्नी में शुरू में हमें पारिवारिक रूप से बहुत सपोर्ट मिला है। दूसरा कारण यह भी है कि लोगों के पास सपोर्ट सिस्टम हैं। वे कहीं भी जा सकते हैं और किसी से भी बात कर सकते हैं क्योंकि एक साथ रहने पर अधिक सेफ्टी का एहसास होता है। आसपास ज्यादा लोग होने के कारण आपके पास इतना समय नहीं होता कि आप अपने परेशानियों को सोचें।
मगर न्यूक्लियर फैमिली सिस्टम (Nuclear Family System) में ज्यादा सपोर्ट नहीं होता है। न्यूक्लियर फैमिली में बहुत अधिक अकेलापन होता है और वहाँ बहुत अधिक डिस्कनेक्शन होता है। इंडिविजुअल फैमिली सिस्टम में सिर्फ माता-पिता और बच्चे होते हैं। मगर अब, एकमात्र चाइल्ड सिंड्रोम है जहां माता-पिता और वर्किंग दोनों ही बच्चे अकेले होते हैं। बहुत सारी चीज़ें बदल रही हैं। संस्कृति का पूरा ताना-बाना बदल रहा है, और इससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ पैदा हो रही हैं।
डिप्रेशन से छुटकारा कैसे पाएं
- काउंसलिंग कराए या डॉक्टर से सलाह लें
- मनपसंद एक्टिविटी करें
- संतुलित आहार लें
- पॉजिटिव थिंकिंग करें
- सपोर्ट प्राप्त करें
- लोगों से बातचीत करें