Strategies for Enhancing the Emotional Well-being of Children: टीनएज एक ऐसी उम्र होती है जिसमें बच्चे बचपन से निकल रहे होते हैं। ऐसी उम्र में उन्हें बहुत सारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलावों में से गुजरना पड़ता है। यह आमतौर पर 13 से 19 साल की उम्र होती है। इस उम्र में बच्चों को बहुत सारी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। बहुत सारी चीज बच्चों के लिए नहीं होती है। कई बार इनकी वजह से वह overwhelm हो जाते हैं। आज हम जानेंगे कि कैसे पेरेंट्स अपने उदास टीनएज बच्चे को सपोर्ट कर सकते हैं-
जानिए कैसे उदास बच्चे के मूड को ठीक कर सकते हैं
उनकी भावनाओं को सुनें
सबसे पहले आपको उनकी भावनाओं को सुनना और समझना शुरू करना होगा। ऐसी उम्र में बच्चे बहुत सारे भावनात्मक बदलावों में से गुजर रहे होते हैं जिससे उन्हें समझ नहीं आता है कि वे उनके साथ कैसे डील करें। माता-पिता को अपने बच्चों को ऐसा माहौल प्रदान करना चाहिए जिसमें वे अपनी बातचीत खुलकर रख सके और उन्हें जज मत करें।
आज में रहें
बच्चों के लिए आज में रहना बहुत जरूरत ज्यादा जरूरी है। माता-पिता बच्चे केमो साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए ताकि वे खुद को अकेला मत महसूस करें। आपको उनके साथ ऐसे तरीके शेयर करना चाहिए जिसे वे अपने इमोशंस को व्यक्त कर पाए। इसके साथ ही उनके आसपास का माहौल भी ऐसा बनाना चाहिए जहां पर उन्हें जज ना किया जाए और वे खुद को सुरक्षित महसूस करें। बच्चे तब उदास होते हैं जब उन्हें कोई सुनने वाला नहीं होता है और उनके इमोशंस को कोई वैल्यू नहीं करता है।
इमोशनल सपोर्ट देना जरूरी
आजकल के समय में बहुत सारे लोग मेंटल हेल्थ समस्याओं से इसलिए जूझ रहे हैं क्योंकि उन्हें इमोशनल सपोर्ट नहीं मिलता है जो बहुत ज्यादा जरूरी है। टीनएज में बच्चे बहुत ज्यादा सेंसिटिव होते हैं। इसलिए उन्हें इमोशनल सपोर्ट की ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में पेरेंट्स होने के नाते यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप बच्चे को इमोशनल सपोर्ट्स दें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें ना कि उन्हें उन्हें रद्द करें।
सेल्फ केयर
टीनएज एक ऐसी उम्र होती है जहां पर बच्चों की जिंदगी में बहुत कुछ चल रहा होता है जैसे उन्हें बहुत सारी शारीरिक बदलाव में से गुजरना पड़ता है। ऐसी उम्र में बच्चे दूसरे जेंडर की तरफ भी अट्रैक्ट होना शुरू हो जाते हैं। इसके साथ ही कई बार दोस्त भी छूट जाते हैं या फिर उन्हें लगता है कि उन्हें कोई प्यार नहीं करता है तो ऐसे में सेल्फ केयर करना बहुत जरूरी है। आप बच्चे को इसे फॉलो करने के फायदे बताएं।। इसके साथ ही उन्हें अपने इंटरेस्ट को फॉलो करने दे हमेशा उनके साथ दे और गलती होने पर भी उन्हें मत डांटे।
प्रोफेशनल मदद ले
अगर बच्चे की उदासी फिर भी ठीक नहीं हो रही है या फिर वह किसी के साथ बात नहीं कर पा रहा है तो ऐसे में आपको उसे प्रोफेशनल मदद की तरफ जरूर गाइड करना चाहिए। कई बार बच्चों के साथ कुछ ऐसा हो जाता है जिसकी वजह से वह खुद को दूसरों से अलग कर लेते हैं और किसी को बता नहीं पाते हैं। ऐसे में प्रोफेशनल हेल्प की मदद से वह अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं और इमोशनल इंटेलिजेंस भी सीख सकते हैं।