Teen Secret Opener: कुछ बातें जिनसे पेरेंट्स जान सकते हैं बच्चों के दिल का हाल

अक्सर माता-पिता से बच्चे दिल की बात छुपाते हैं, ऐसे में पेरेंट्स के लिए उनके जीवन में निर्णय लेना हो या कोई बात परेशान करती हैं तो उन्हें पता नहीं चलता। ऐसे में पेरेंट्स कुछ टिप्स अपना सकते हैं जो बच्चों के जीवन को लेकर निश्चिंत रहेंगे।

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Nainsee Bansal
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"आज का दिन कैसा रहा ?" "ठीक था " अक्सर जब माता-पिता बच्चों को उनके जीवन के बारें में पूछते हैं तो बच्चे उनसे छुपाते हैं। ऐसे में  माता-पिता के लिए उनके जीवन में मत्वपूर्ण निर्णय लेना हो या उन्हें कोई बात परेशान करती हैं तो उन्हें पता नहीं चलता। एक अच्छे जीवन के लिए और सही समय पर बच्चे को बचाने के लिए माता-पिता का बच्चे के जीवन में उनसे जुड़ीं घटना और गतिविधियां जानना आवश्यक बन जाता हैं। ऐसे में माता-पिता कुछ पेरेंटिंग टिप्स अपना सकते हैं जो बच्चों को भी अपने माता-पिता के करीब लाएंगी और माता-पिता भी बच्चों के व्यवहार और जीवन को लेकर निश्चिंत रहेंगे। 

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Teen Secret opener: कुछ बातें जिनसे पेरेंट्स जान सकते हैं बच्चों के दिल का हाल

आइए, जानते हैं कुछ बातें जो Modern parenting के दौर में पेरेंट्स को बच्चों के दिल का राज जानने में मदद करेंगी 

1. उनका ऑपिन्यन पूछें न की अपना फैसला थोपें

बच्चों को autonomy महसूस कराने के लिए बच्चों पर कुछ थोपें नहीं उनसे पूछे क्योंकि बच्चें दबाब के चलते कई बार जबाब नहीं देते या सोचते हैं की पेरेंट्स उन्हें रोकेंगे यह उनकी बात को छुपाने या चुप रहने का कारण बन सकता हैं। तो बच्चों से पूछें न की उन पर थोपें। अक्सर यदि बच्चों के बारे में कुछ जानना हो तो उनसे पूछें कि "काम कैसा चल रहा हैं" कि जगह कि "क्या सोचते हो इस काम को कैसे किया जाएं" यह बच्चों को सोचने और अपना नजरिया रखने की स्वतंत्रता देता हैं जिसमें बच्चे खुल कर अपनी बात रखते हैं। 

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2. अपने जीवन की घटना से शुरुआत करें 

बच्चें पेरेंट्स के सामने दिल की बात रखने में झिझकते हैं तो अपने जीवन के अनुभव से शुरुआत करें, उन्हें बताएं कि हम भी आपके जैसे थे तो अपने दिल की बात छुपाते थे पर कह देने पर चीजे सुलझ जाती थी और आसान हो जाती हैं। पेरेंट्स के अनुभव सुनना बच्चों को उनके अनुभव को नॉर्मल बनाता हैं। हो सकता हैं कि उनका जीवन थोड़ा अलग हो तो बदलाव के साथ भी प्रेरित करें न की उन्हें ताना या कम्पेर करें क्योंकि यह अक्सर बच्चों को कमजोर और हीन महसूस कराता हैं। 

3. सलाह लें और पूछे 

बच्चों से सलाह लेना काफी मजेदार और उन्हें खुश करने वाला होता हैं। बच्चों को नए अंदाज से बात कहना और रखना बहुत पसंद होता हैं, और इससे आप उनका नजरिया भी जान सकते हैं। इससे बच्चे आप पर विश्वास करेंगे और open communication भी होगा जो आपको उन्हें समझने में मदत करेगा। 

4. बच्चों को काम कराते हुए पूंछना 

बच्चे सामने आँखों मे आँखों मे बात करने से दबाब और तनाव महसूस कर सकते हैं। लेकिन जब पेरेंट्स किसी काम को करते हुए उनसे उनके दिल का हाल पूंछते हैं तो वे अधिक कॉन्फिडेंट और तनावरहित होते हैं जो पेरेंट्स को उनके दिल का हाल समझने में मदत करेगा। 

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5. उनकी सराहना करें 

बात शुरू करने से पहले बच्चों को उनके काम के लिए तारीफ करें। बच्चों को तारीफ करने के बाद उन्हें बताना कि वे और कैसे सुधार करें उन्हें बहुत प्रेरित करता हैं। बच्चों को समय समय पर प्रेरित करना उनका आप पर विश्वास बढ़ाता हैं जिनसे वे खुल कर अपने दिल की बात बताते हैं। 

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