Law And Her: महिलाओं के लिए जो कानून इस देश में बने है, उसके बावजूद भी देश में हर समय इतने अपराध होते हैं क्यूंकि इनके बारे में सही से जानकारी नहीं होती और लोग खुदको बचाने के लिए कानून की मदद लेने भी नहीं आते। ऐसे में वो उस अब्यूसिव रिश्तों में उलझी ही रह जाती है और वो अत्याचार सहती रहती है। कुछ महिलाएं इस वजह से भी डोमेस्टिक वायलेंस के खिलाफ आवाज़ नहीं उठती क्यूंकि उसके कोंसेकुएंसेस से डर जाती है लेकिन उन महिलाओं को ये जानना ज़रूरी है की अपराध करने वाले और उस अपराध को सह लेने वाले, दोनों ही गुनेहगार होते हैं इसीलिए आवाज़ उठाने से कभी ना पीछे हेट। आइए जाने देश के 5 कानून महिलाओं को अबुसिवे रिश्तों और शादियों से बचाने के लिए क्या है।
अब्यूसिव रिश्तों में फसी महिलाओं को बचाने के 5 कानून
(5 Laws Protecting Women In Abusive Relationships)
1. सेक्शन 498 A (पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रुएल्टी)
शादी के बाद यदि महिला का पति या उसके रिश्तेदार जैसे की सास ससुर, देवर, ननद इत्यादि, महिला को परेशान करते हैं या उसपर किसी प्रकार का अत्याचार करते हैं तो उन्हें सजा मिल सकती है।
2. सेक्शन 304 B (दहेज़ के लिए मौत)
दहेज़ के लिए अगर किसी महिला को मार डाला जाए तो लड़के और लड़के के पुरे परिवार को जेल हो सकती है और गिलटी साबित होने पर कारावास या कोई और सज़ा मिल सकती है।
3. किसी भी इंटिमेट पार्टनर द्वारा किया गया अपराध
एब्यूज सिर्फ शादी शुदा रिश्ते में हो ऐसा ज़रूरी नहीं है। किसी इंटिमेट रिलेशनशिप में कभी कभी पार्टनर्स अब्यूसिव होते हैं। उनके खिलाफ भी कम्प्लेन कर सकते हैं।
4. सेक्सुअल हर्रास्मेंट
किसी भी पार्टनर या पति द्वारा किये गए सेक्सुअल असाल्ट और हर्रास्मेंट को अपराध ही माना जाता है। महिला को इमोशनली और फैसिकली असाल्ट और परेशान करने की भी सजा होती है।
5. इकनोमिक एब्यूज
महिला को उसका पार्टनर यदि इकनोमिक तरीकों से बभी एब्यूज यानि के उसके हक़ के फाइनेंस उसे ना दें या उसके एसेट्स पर कब्ज़ा करके बैठ जाता है, तो ऐसे में उनके खिलाफ केस बनता है जो की उन्हें सजा दिलवा सकता है।