Law And Her: भारत में कईं जगहों पर महिलाओं को छोटी उम्र से ही कईं प्रकार की परेशानियां और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें प्रोटेक्ट करने के लिए संघर्ष आज तक चल ही रही है क्योंकि छोटे बेजान बच्चों के साथ भी ऐसे अपराध हो जाते हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर पातें। देश में छोटी बच्चियों के अधिकार और उन्हें एम्पावर करने के लिए सरकार ने कईं सारे एक्ट्स और लीगल इनिशिएटिव लिए हैं ताकि वो इस देश में सुरक्षित और बिना डरे रह सकते हैं। आइये जाने उन अधिकारों के बारे में आगे इस ब्लॉग में-
भारत में लड़कियों और बच्चियों के लिए क्या अधिकार हैं?
(Girl Child Rights In India)
1. Pre-Conception Pre-Natal Diagnostic Techniques (Prohibition of Sex Determination) Act, 1994
भारत में बेटियों को जन्म होने से पहले भी कईं घरों में मार दिया जाता था। डॉक्टरों को घूस देकर या धमका कर बच्चे का सेक्स पता लगाया जाता था। इसे रोकने के लिए सरकार ने प्री नेटल डेटर्मिनेशन को इललीगल और दंडनीय बना दिया।
2. Hindu Succession (Amendment) Act, 2005
माता-पिता के प्रॉपर्टी और जायदाद पर उनकी बेटी के हक़ भी बनता है जितना उनके बेटे का बनता है। यदि वो बच्ची बड़ी हो जाये और उसकी शादी हो जाए, तब भी उस प्रॉपर्टी पर उसका बराबर का अधिकार होगा।
3. Right of Children to Free Education Act, 2009
छोटी बच्चियों की पढ़ाई ये कहकर रोक दी जाती है की इनकी शादी ही तो करनी है तो स्कूल भेज कर क्या फायदा। गरीब परिवार के लोग भी पैसे कम के बावजूद सिर्फ बेटे को पढ़ाते हैं घर की भविष्य को बनाने के लिए और बेटी को घर में रहने को कहा जाता है। ये भेद भाव दूर करने के लिए सरकार ने छोटी बच्चियों को ये मुफ्त में पढाई करने का अधिकार प्रदान करती है।
4. The Prohibition of Child Marriage Act, 2006
गरीब घरों में या गाँव में जिनके यहाँ बाल विवाह की प्रथा चलती आयी है, उसे हटाने के लिए यह एक्ट बनाया गया था। 18 साल से पहले किसी भी लड़की की शादी नहीं करवाई जा सकती।
5. Juvenile Justice Care Act, 2015
ये देश के नेग्लेक्टेड एवं रेस्क्यूड लड़कियों को जो 18 साल से कम उम्र की है, उनका स्पेशल ध्यान रखने कीकोशिश है जो जुविनाइल जस्टिस केयर में आती है।