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Photograph: (iStock)
मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने के लिए नई पीढ़ी आगे आने के साथ-साथ सभी को सचेत भी कर रही है। जिस विषय को लोगों ने रूढ़िवादी सोच से देखा, आज उसी मानसिक स्वास्थ्य के लिए लोग आवाज़ उठा रहे हैं और किसी भी समस्या के निवारण के लिए विशेषज्ञों से सहायता भी ले रहे हैं। तो चलिए, आज हम बाइपोलर डिसऑर्डर के बारे में जानते हैं:
Bipolar Disorder Guide: पहचानें इसके Warning Signs और जानें सही इलाज के तरीके
क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर?
बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति के मनोदशा, ऊर्जा स्तर और व्यवहार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव आते हैं। इसके दो मुख्य चरण होते हैं: मैनिक या हाइपोमैनिक(अत्यधिक उत्साहित और ऊर्जावान) अवसादग्रस्त (अत्यधिक उदास)।
यह उतार-चढ़ाव सामान्य मूड स्विंग्स नहीं होते, बल्कि इतने गहरे हो सकते हैं कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी, रिश्तों और काम पर असर डाल सकते हैं।
रोग vs सिंड्रोम vs डिसऑर्डर
Disease (रोग)
Disease शारीरिक समस्या से जुड़ा एक शब्द है, जिसका आम तौर पर एक ज्ञात कारण होता है, जैसे वायरस। रोग शरीर के सामान्य कामकाज में बाधा डालते हैं और शरीर रचना में परिवर्तन लाते हैं। उदाहरण:मधुमेह एक रोग है।
Syndrome (सिंड्रोम)
Syndrome कई लक्षणों और संकेतों का एक समूह होता है, जिनके कारण अक्सर स्पष्ट नहीं होते। सिंड्रोम कई बीमारियों या स्थितियों के परिणामस्वरूप हो सकते हैं और आमतौर पर इनका कोई विशिष्ट कारण नहीं होता।
उदाहरण: डाउन सिंड्रोम।
Disorder (डिसऑर्डर)
डिसऑर्डर सामान्य कार्यों में गड़बड़ी को दर्शाता है, जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया जा सकता। यह मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक या व्यवहार संबंधी हो सकता है।
उदाहरण: अवसाद (डिप्रेशन) एक डिसऑर्डर है जिसमें एक ही कारण तय नहीं होता, बल्कि कई लक्षण मिलकर स्थिति बनाते हैं।
बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण
मेनिया या हाइपोमेनिया
अत्यधिक उत्साह, कम नींद और तेज़ विचार मैनिक एपिसोड के मुख्य संकेत हैं। व्यक्ति का आत्मविश्वास असामान्य रूप से बढ़ जाता है और वह अवास्तविक योजनाएँ बनाने लगता है। आवेश में आकर फैसले लेना जैसे अचानक नौकरी छोड़ देना, ज़रूरत से ज़्यादा खर्च करना या जोखिम भरा व्यवहार भी इसी अवस्था में दिखाई देता है।
अवसाद (Depression)
अवसाद में व्यक्ति लगातार उदासी और खालीपन महसूस करता है। रोज़मर्रा की गतिविधियों में रुचि कम होती जाती है और ऊर्जा बहुत घट जाती है। नींद और खाने की आदतें बदल जाती हैं, और सोच-समझने तथा निर्णय लेने में कठिनाई होती है। कई बार बेकार होने की भावना और आत्महत्या के विचार भी आते हैं।
मिश्रित लक्षण (Mixed Episodes)
कुछ लोगों में मैनिक और अवसाद, दोनों के लक्षण एक साथ दिखाई देते हैं। व्यक्ति निराश होता है, लेकिन उसके भीतर बेचैनी और अति सक्रियता भी बनी रहती है।
बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज
बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज मुख्य रूप से साइकेट्रिस्ट (Psychiatrist) द्वारा दवाइयों और थेरेपी के संयोजन से किया जाता है। मूड स्टेबिलाइज़र, एंटीसाइकोटिक और एंटीडिप्रेसेंट दवाएँ लक्षणों के आधार पर दी जाती हैं। थेरेपी में कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (CBT) और इंटरपर्सनल एंड सोशल रिद्म थेरेपी जैसी तकनीकें शामिल हैं, जो नकारात्मक विचारों को समझने, दैनिक दिनचर्या को स्थिर करने और भावनाओं को संतुलित करने में मदद करती हैं।
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