Breast Cancer Awareness Month: हर साल अक्टूबर के महीने में 'ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ' सेलिब्रेट किया जाता है ताकि महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूक हो सके। महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक ब्रेस्ट कैंसर है। WHO के अनुसार हर साल ब्रेस्ट कैंसर के 2.3 मिलियन केस डायग्नोज होते हैं। यह महिलाओं में सभी कैंसर के एक चौथाई मामलों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें 70% मृत्यु दर संसाधन विवश परिस्थितियों में होती है। बहुत सारे लोग ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए हेल्थ सिस्टम तक पहुंच ही नहीं पाते हैं जिसके कारण उनकी मौत हो जाती है। चलिए आज ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के मौके पर इसके बारे में जरूरी पांच बातें जानते हैं?
जानिए ब्रैस्ट कैंसर के बारे में ये 5 बातें
ब्रेस्ट कैंसर क्या है?
WHO के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें असामान्य स्तन कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और ट्यूमर बनाती हैं। यह ट्यूमर पूरे शरीर में फैल सकता है और जानलेवा हो सकता है। आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर 50 साल के ऊपर की महिलाओं को प्रभावित करता है लेकिन इससे कम उम्र की महिलाएं भी ग्रस्त हो सकती हैं। यह समस्या ज्यादातर महिलाओं को होती हैं लेकिन पुरुष भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
किसे खतरा ज्यादा है?
ब्रेस्ट कैंसर का ज्यादातर खतरा महिलाओं को ही होता हैलगभग ब्रेस्ट कैंसर के 99% केस महिलाओं के होते हैं और 0.5-1% स्तन कैंसर पुरुषों में होता है। इसके साथ ही अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में कारण भी आपको ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है। लाइफस्टाइल फैक्टर भी बहुत प्रभाव डालते हैं जैसे जो महिलाएं ज्यादातर फिजिकली एक्टिव नहीं होती हैं, उन्हें भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है। जिन महिलाओं स्वस्थ वजन नहीं होता है, उन्हें भी इस बीमारी का खतरा रहता ही है। बच्चे पैदा ना करना या फिर प्रेगनेंसी में देरी का कारण भी यह बीमारी हो सकती है। शराब का सेवन करना भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
लक्षणों को पहचानें
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की बात करें तो ब्रेस्ट लंप या फिर थिकनेस दिखाई दे रही है तो यह ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है। चपटा हुआ या अंदर को मुड़ा हुआ निप्पल भी इसका लक्षण हो सकता है। ब्रेस्ट के साइज, शेप और अपीयरेंस में बदलाव भी इसका ही एक लक्षण है। अगर आपके ब्रेस्ट का कलर भी चेंज हो रहा है तब भी आप
को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। स्तन की त्वचा का छिलना, पपड़ी बनना या छिलना इसका संकेत है।
डायग्नोज कैसे करें
ब्रेस्ट कैंसर को डायग्नोज करने के बहुत तरीके हैं जैसे शारीरिक जांच जा फिर मैमोग्राम। इनसे आप ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचान सकते हैं। इसके लिए आप ब्रेस्ट अल्ट्रासाऊंड, एमआरआई स्कैन, ब्रेस्ट बायोप्सी, इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री टेस्ट और जेनेटिक टेस्ट करवा सकते हैं। इसके साथ ही ब्रेस्ट कैंसर की चार स्टेज होती हैं। सबसे पहले जीरो स्टेज होती है जिसमें इतना ज्यादा खतरा नहीं होता है क्योंकि अभी बीमारी स्तन के अगले भागों में नहीं फैली है। इसके बाद पहली स्टेज आती है जिसमें कैंसर ब्रेस्ट के आसपास के हिस्सों में फैलने लग जाता है। दूसरी स्टेज में कैंसर ट्यूमर का रूप धारण करने लग जाता है। तीसरी स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर एडवांस हो जाता है। स्टेज चार में ब्रेस्ट कैंसर के अलावा शरीर के बाकी हिस्से जैसे छाती, लिवर या ब्रेन में फैलने लग जाता है।
कब डॉक्टर के पास जाने की जरूरत
अगर आपको ब्रेस्ट में कोई भी बदलाव दिखाई दे रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। अगर मैमोग्राम में आपको कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया है लेकिन बाद में आपको कुछ बदलाव दिखाई दे रहे हैं तब भी आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। इसके साथ ही समय-समय पर अपनी ब्रेस्ट की जांच करते रहें।