Common Myths About Periods: पीरियड्स से जुड़े कईं सारी ऐसी बातें जो सदियों से बस सुनते आ रहे हैं, पर क्या वो सारे सच भी होते हैं?
पीरियड्स को लेके कुछ झूट जिन्हे आप सच मानते हैं
1. पीरियड का खून अपवित्र होता है
पीरियड्स के खून, रगो में दौरते खून से बेशक थोड़े अलग होते है पर गंदे नहीं होते। इन् दोनों खून के पदार्थ अलग होते है। पीरियड के खून का रंग थोड़ा अलग होता है। शरीर का यह खून जब बाहर आकर ऑक्सीजन से मिलता है तो यह बदलाव होता है।
2. पीरियड्स में सम्भोग करने के प्रेग्नेंट नहीं हो सकते
यह एक बहुत ही आम गलत फहमी है, क्यूंकि भले ही यह होने के अवसर बेहद कम होते है लेकिन ऐसा नहीं होता की यह असंभव है। आदमी के शुक्राणु कभी कभी महिला के मेंस्ट्रुअल ट्रैक्ट में जीवित बच जाते हैं जिससे की गर्भ धारण हो सकता है।
हैमेन एक बहुत ही पतली रक्षात्मक परत होती है प्रजनन नलिका (vagina ) का। वो किसी भी कारण से फट सकता है जैसे कि दौड़ना, खेलना कूदना, भारी सामान उठान, इत्यादि। अक्सर यह समय के साथ खुद ही हैट जाता है। सही तरीके से इस्तेमाल करने से आपका हैमेन नहीं फटेगा।
इन् दिनों व्यायाम करने से रोके जाने के कोई प्रमाणित कारण नहीं मिला है अबतक। बल्कि व्यायाम करने से आपका शरीर एक हॉर्मोन छोड़ता है जिससे की आपको पीरियड्स के दर्द से आराम मिल सकता है। आप व्यायाम तभी टालें अगर आपका दर्द आपको इजाज़त ना दे। व्यायाम करना ना करना सिर्फ आपके शरीर और आपके मन पर निर्भर करता है।
5. पीरियड्स में दवाई खाने से गर्भ धारण करने में समसस्या आ जाती है
अगर आपका दर्द आपके हर रोज़ के काम को पूर्ण करने में आपके लिए बाधक बन रहा है तोह दवाई ले लेना भी एक उपाय हो सकता है। हालाकि ऐसा सुनते है कि दवाई को ना खाये इन् दिनो में , किन्तु यह कहीं भी प्रमाणित नहीं होता, बल्कि आम दवा खा के भी आप अपने दर्द से आराम पा सकते है थोड़े समय के लिए। अगर आपका दर्द बहुत गहरे तीव्र का है तो सलाह दी जाती है कि आप अपने प्रसूतिशास्री ( gyneac ) को पूछे।